कोई तो जाकर एक दफा बेदर्द को देख आओ यारो,            सुना है आजकल उनके चेहरे पर बड़ा नूर आया है! बड़ी शख्सियत बन गए वो और गुमनामी में है हम,           पूछ आओ कि इसी बात का उनको गुरुर आया है!! […]

एक बार नोट उगाकर खो गए सारे खेत जिन खेतो में अन्न उगता था वहां बजरी,सीमेंट ओर रेत हरियालीपन छिन गया मौसम आग सा हो गया तपे कंक्रीट के जंगल सारे पानी को तरस गए सारे के सारे धूप में झुलस गए रंक और नरेश काश!हमने पेड़ लगाये होते कटते […]

कहाँ गये सब छोड़ के इसे आज अकेला बंजर है । ना कोई पंछी है साथी ना गगन में घन बरसाती । दुर्बलता से सहता है नित, आज हृदय में थर थर है। अब बसंत की बात कहाँ बाजों से बरबाद जहाँ तितर- भीतर होगये   पंछी देख अजब सा मंज़र […]

उसने जो अपराध किया है यह उसको अहसास नहीं । अपना धन बर्वाद  किया है यह उसको अहसास नहीं । पीसा हमको कोसा उनको बड़ी बड़ी बातें करके , उनको ही आबाद किया है यह उसको अहसास नहीं । मंदिर का धन लूट लूट कर लुटा रहा है गैरों पर  […]

मोहब्बत हम भी करते है। मोहब्बत वो भी करते है। पर शायद वो जमाने से । कही ज्यादा ही डरते है। मोहब्बत ही तो की है, कोई चोरी नही की है। फिर क्यो मोहब्बत के, दुश्मनों से तुम्हे डरना।। इरादा यदि नेक हो तो। मंजिले मिलती रहती है। मोहब्बत साफ […]

तीन यात्री बस से सफर कर रहे थे । तीनों अलग – अलग राज्य के निवासी थे । बैठे – बैठे दो यात्रियों में बातें होने लगी । ” भाई मुझे न, बिहार वासी बिल्कुल नहीं भाते हैं । एक तो उनका अक्खड़ स्वभाव , बात-बात में डिंग हाँकने की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।