नई शिक्षा नीति में बने सब भागीदार नई पीढ़ी का भविष्य न छोड़े मझधार राष्ट्रभाषा हिन्दी का भविष्य संवार लो नई शिक्षा नीति को हिंदी में ढाल लो मूल्यपरक शिक्षा का हो समावेश आध्यात्म ज्ञान का इसमें हो निवेश जो तत्व विरोध कर रहे राष्ट्रभाषा हिंदी का हिंदी प्रेमियों प्रतिवाद […]

मातृभाषा उन्नयन संस्थान राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष व बोली विकास कार्यक्रम‌ अधीक्षक श्री रिखब चन्द राँका ‘कल्पेश’ जयपुर  को  लेखन व समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान हेतु हरियाणा की साहित्यिक संस्था विलक्षणा एक सार्थक पहल समिति (रजि 02314) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के सम्मान समारोह में विलक्षणा रत्न सम्मान 2018 से […]

रतनगढ़ । अणुव्रत विश्व भारती नई पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत संस्था है। यह संस्था स्कूल विथ ए डिफरेंस प्रयोजना के माध्यम से बच्चों के लिए रचनात्मक माहौल का निर्माण करती है।  इस के अंतर्गत संस्था द्वारा देशविदेश के रचनाकारों से उन की रचनाएं आमंत्रित की गई थी […]

सच्ची बात है कहता राणा,,, मेरा झूठा ये अंदाज नहीं,,, कि सादगी से ढका सौंदर्य,,, किसी फैशन का मोहताज नहीं,,, यौवन को परिभाषित करना,,, मुर्खों का व्यवहार है,,, वरना पांव से कोई कांटा भी निकाले,, तो वो अदा भी एक श्रृंगार है,,, सचिन राणा हीरो  हरिद्वार(उत्तराखंड)  Post Views: 37

राष्ट्र का हित ही छोड दिया सरकार वालों ने, जबसे जमीर बेच दिया है अख़बार वालों ने। बिकने लगे 500-हजार मे जबसे अधिकारी, हर चीज मे मिलावट कर दी बाजार वालों ने। लैला मजनू,हीर रांझे के किस्से नही मिलेंगे, आशिकी को बदनाम कर दिया प्यार वालों ने। अब तलक मेरी […]

हिंदी भाषा के गौरव की स्थापना और भारत में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कृत संकल्प मातृभाषा डॉट कॉम ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किये। उसमें हिंदी के नवोदित और स्थापित रचनाकारों की रचनाओं को प्रकाशित कर पाठकों तक पहुँचाने का कार्य किया गया। मुझ समेत अनेक रचनाकार जुड़ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।