आंखों ने देखा तुम्हें और मन व्याकुल हुआ। अंदर ही अंदर प्यार हमारा उमड़ पड़ा। और दिल मेरा तुम्हें चहाने लगा। अब तुम ही बताओ भला, इसमें आंखों का क्या दोष है ? प्यार मोहब्बत को पढ़ ना आसान नहीं। मोहब्बत की परिभाषा समझना बच्चों का खेल नहीं। इस राह […]

तेरी आंखों में प्यार की कहानी नज़र आती है । रहबर मेरी ज़िंदगी तेरे पहलू में चैन पाती है ।। सरगम सी बजती है कानों में मेरे ।।। पनघट पर जब तू अपनी पायल खनकाती है ।।।। तेरा ग़म तो मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है । मेरे हिस्से से भी […]

वो उसे कहते हैं घर मात्र दीवार और छत ही हैं फिर भी उसे कहते हैं घर पिता है निठल्ला शराबी माता है करती मजदूरी बच्चे हैं बालमजदूर चूहे भी हैं आवाज की तलाश में फिर भी उसे कहते हैं घर #विनोद सिल्ला   जीवन परिचय   विनोद सिल्ला  माता […]

डबल इंजन की सरकार में ठगा गया है उत्तराखंड मोदी सरकार के बजट में अरमान हो गए खंड खंड ग्रीन बोनस तक मिला नही पहाड़ पर रेल को बजट नही मां गंगा तक को भूल गए पर्यटक उद्योग की सुध नही पलायन रोकने की बात नही रोजगार का कोई उपहार […]

हाथ एकदूजे का बटाकर तो देखो, कभी हाले दिल बताकर तो देखो । नफरत दिलों से सब ..मिटानी पड़ेगी । मोहब्बत की शम्मा जलाकर तो देखो ।। सहारा बनो तुम कभी मुफ़लिसों का । हँसो खुद भी,औरों को हँसाकर तो देखो ।। यही अपनापन है यही तो है चाहत । […]

घिरकर आयेगी जब याद मेरी बादलो की तरह तुम भी हरकत करने लगोगी पागलों की तरह।। तुम्हें भी भिगो देगा एहसासों का ये सावन जब तमन्नाएं उग आयेगी जेंहन मे फ़सलों की तरह।। मेरी तरह तुमको भी इश्क चैन से जीने ना देगा‌ तन्हा-तन्हा रहोगी तुम खुद मे महलों की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।