हिन्दी सिर्फ भाषा नहीं,बल्कि यह हमारे अल्फाजों को समेट,हमारी बातों को सरलता एवं सुगमता से कहने का विशेष माध्यम हैं। हिन्दी बिल्कुल हमारी की तरह ही हमसे जुड़ाव रखती है और हम भी मां हिन्दी के बिना अपने अस्तित्व की कभी कल्पना नहीं कर सकते। क्योंकि मां के बिना बेटे […]

आज काॅलेज से आकर अचानक मेरे शिक्षक पति ने मुझसे कहा—जल्दी से तैयार हो जाओ आज हमें गुरूदक्षिणा देखने जाना है।गुरू दक्षिणा देखने? गुरूदक्षिणा ली जाती है दी जाती है –देखी कैसे जाती है? मैं सोच में पड़ गयी। खैर तैयार हो ही रहे थे कि एक शानदार कार घर […]

तुम्हे क्या कहूँ में, समझ नही आ रहा। दिल मेरा धड़क रहा, पर दिख नही रहा। लगी है चोट दिल पर, जो किसी को दिखती नही। पर दिल तेरा धड़क रहा, मेरे दिल मे आने के लिए।। मिलेगा प्यार तुम्हे हमसे, यकीन है क्या तुम्हे। बसोगी सांसो में मेरी यकीन […]

1💫💫💫💫💫 हिन्दी भारत देश में, भाषा मातृ समान। सुन्दर भाषा सुघड़ लिपि,देव नागरी मान।। 2💫💫💫💫💫 आदि संस्कृत मात है,निज भाषा की जान। अंग्रेजी सौतन बनी , अंतरमन पहचान।। 3💫💫💫💫💫 हिन्दी की बेटी बनी, प्रादेशिक अरमान। बेटी की बेटी बहुत, जान सके तो जान।। 4💫💫💫💫💫 हिन्दी में बिन्दी सजे, बात अमोलक […]

साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा आयोजित 05 सितंबर 2019 शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर शिक्षक/शिक्षिकाओं का सम्मान समारोह बाखूबी सम्पन हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 05 बजे से आयोजित किया गया।कार्यक्रम के शुभ बेला पर मुख्य अतिथि डॉ मीना भट्ट जी,डॉ राजलक्ष्मी शिवहरे जी,विशिष्ट अतिथि डॉ कैलाश मंडलोई कदंब […]

सियासत की करवट, उधेड़बुन में उलझी मध्यप्रदेश कांग्रेस, बारिश के मौसम में भी भोपाल का बढ़ता तापमान, अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ के खिलाफ मंत्री के ऊँचें स्वर, आबकारी अधिकारी की सौदेबाजी, विधायकों को हिस्सा दिलवाना, अपनी ही सरकार के मंत्री का पुतला जलना, राजा-महाराजा का बगावत पर उतर आना, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।