कुछ जीते हैं कुछ हारे हैं सभी के विकास नारे हैं लोकतंत्र के पर्व में टिमटिमाते सभी ये तारे हैं। गिर के उठना फिर सम्भलना जीवन हमें सीखाती है। कभी जीत मिली कभी हार जीवन पाठ पढ़ाती हैं। मतभेद को मनभेद न करना जनादेश यही अब कहती है, मिलकर सारे […]
विविध भाषा की प्रखरता ज्ञान का बहुमान है । हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है ।। माना अंग्रेजी को हमने विकास का पर्याय है आधुनिकता का यह प्रमुख प्रथम अध्याय है दिलों को जो जोडे़ वो हिन्दी हमारी जान है हिन्दी ही हिन्दोस्तां की कलम का सम्मान है […]
जगा देता है माँ को, प्रातःकाल के कर्तव्य का सूरज, मध्यान्ह काल में तपता मन काम के बोझ से, संध्या में निढाल तन अस्त होते सूर्य-सा। सोते वक्त थकान टूट-टूटकर गिरती है अस्त-व्यस्त बिस्तर पर। शयन कक्ष में रात को दीवारों पर चिपका देती है दिनभर के काम और मन […]
लुटती है पिटती है अभावो में रहती है संघषों की जिंदगी भी हंसकर सहती है गमों के सागर मे हरदम वो बहती है कष्टों को सहकर किसी से ना कहती है कभी बसों में कभी कारों में हाट बाजारों में तीज और त्योहारों में मेघ और मल्हारों में इज्ज़त उतारी […]
कभी जो बीती हो दिल पर भुला कैसे दिया जाए किसी की याद आए तो कहो कैसे जिया जाए कैसे गम की आंधी में ईमारत हो खड़ी दिल की कैसे टूटकर के फिर जुडे़ वो हर कड़ी दिल की कैसे होंठों पर मुस्कान लाए दिल भला बोलो कैसे जान में […]
महामारी बन चुका कोरोना आज दुनियाभर में पड़ रही इस वायरस की गाज मांसाहार कारण बना सभी जानते लोग परजीव सन्ताप का दंड रहे है भोग सात्विक भोजन ही निरोगी आहार है भाई कोरोना से बचाव का सावधानी ही उपाय भाई। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।