एक स्त्री… ‘मैं’ ही ‘मैं’ होती है जब जन्मती है बढ़ती है और बड़ी होती है और एक दिन विवाह संस्कार होता है तो उसका ‘मैं’ घुलने लगता है प्रेम में पिघलने लगता है पर जिस दिन उसे मातृत्व का अहसास होता है उस दिन… ‘मैं’ से ‘माँ’ बन जाती […]

“माता दिवस पर मेरी रचना सभी पुत्रो की ओर से अपनी अपनी माताओं के चरणों में समर्पित है” एक अक्षर का शब्द है माँ, जिसमें समाया सारा जहाँ। जन्मदायनी बनके सबको, अस्तित्व में लाती वो। तभी तो वो माँ कहलाती, और वंश को आगे बढ़ाती। तभी वह अपने राजधर्म को, […]

कभी वो दोस्त जैसी है, वो दादी मां भी बनती है बचाने की मुझे खातिर, वो डांटे मां की सुनती है अभी सर्दी नहीं आया, वो रखती ख्याल है मेरा वो मेरी बहना है मेरे लिए स्वेटर जो बुनती है। कभी लड़ती झगड़ती प्यार भी करती वो कितनी है जो […]

ममता की है चली बयार। लाये सभी दिलों मे बहार। ममता की परिभाषा माता। करती हर अभिलाषा माता।। माँ ममता की दीप जलाये। दुनिया तुझको शीश झुकाये।। ममता की जय गान कराती ममता में दुनिया रम जाती।। सबसे ज्यादा ममता मूरत। जननी होती इसकी सूरत।। ममता होती बड़ी महान। सदा […]

ममता की खान है माँ, गीत, सुर, तान है माँ, असंख्य दुआओं वाली, आन,बान, शान है । माँ का शुभ आँचल तो, शीश पे आशीष सम, संकटों से है बचाती, सुदृढ़ वितान है ।। जन्म देने वाली माता, सर्व प्रथम है गुरु , पाठशाला भी प्रथम,भरती माँ ज्ञान है । […]

सेवा में, माननीय महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी, एवं माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, भारत सरकार नई-दिल्ली। दिनांक:- 08 मई 2020। विषय:- 2020 में देय ‘डॉ॰ आम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार’ हेतु दावा। आदरणीयों, जय हिन्द! वंदेमातरम् कहते हुए विनम्र आग्रह कर रहा हूं कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा नागरिकों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।