पृथ्वी हूं , सूर्य की परिक्रमा को , भला छोड़ दूं कैसे ? पाती हूं जीवन तुमसे, जीवन को भला छोड़ दूं कैसे ? तेज से तुम्हारे ,बोती हूं नए ख्वाबों को पाती हूं एहसासों की फसल को फसल को भला छोड़ दूं कैसे ? चलती हूं संग तुम्हारे ,कदमों […]

मात्रा भार-यति-14-14* वज़्न-2122-2122-2122-2122,अर्कान-फाइलातुन×4 बारिशों में गीत भीगे, बादलों ने कह सुनाया। पावसी घनघोर मौसम, गीत सब ने गुनगुनाया। * बैठ पादप कूक मारे,वो पपीहा है मगनमन। आज हर्षित है भुवन पर,आज रमणी का विकल मन। * शोर में था मोर नाचा,मोरनी ने सुर लगाया। पावसी घनघोर मौसम, गीत सब ने […]

माह जुलाई मन को भाई। गर्मी भागी वर्षा आई।।1 कोयल काली करे गवाई। बादल काले मोर नचाई।।2 बागों ये हरियाली छाई। आमों का रस लगे सुहाई।।3 आया केला स्वाद मिठाई भागा तरबूज जामुन आई।।4 होरी धनिया करे जुताई। देख अषाढ़ी करो बुवाई।।5 ठंडी हवा चले पुरवाई। बिजली चमके वर्षा आई।।6 […]

हर दिन मानो एक नया इम्तहान लेकर सामने आता है और दिलोदिमाग पर उदासी की एक नई लकीर खींचकर चला जाता है…इस जद्दोजहद से बाहर निकलने की कोशिश भी कामयाब नहीं होती…भीतर का अंधेरा बाहर के अंधेरे के साथ सांठगांठ कर लेता है…देखिये क्या आलम है…कहीं बिजली कहर बरपा रही […]

कैसा ये दौर आ गया है, जिसमें कुछ नहीं रहा है। और जिंदगी का सफर, अब खत्म हो रहा है। क्योंकि इंसानों में अब, दूरियाँ जो बढ़ रही है। जिससे संगठित समाज, अब बिखर रहा है।। इंसानों की इंसानियत, अब मरती जा रही है। क्योंकि इन्सान एकाकी, जो होता जा […]

समावेशी नेतृत्व का अर्थ बड़ा ही व्यापक और संधर्ष करने वाला होता है, जो संयम, धैर्य और सहनशीलता के साथ सबको समान भावना के साथ समावेश कर आगे बढ़ने को प्रेरित करे।जो खुद की नहीं अपितु अपने संगठन अपने लोगो के आगे बढाने की सोच रखे वही नेतृत्व कहलाता है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।