हर रात अंधेरे से महज़ कहने को है,वह अंधेरा तो सूर्यास्त किए बैठा है।इस अंधेरे से चाँदनी की आस मुमकिन है,वह अंधेरा तो चाँदनी छुपाये बैठा है।। इस अंधेरे में रात की नींद है नाज़िल,वह अंधेरा तो दिन में सुलाये बैठा है।इस अंधेरे में सपने सजोये जाते है,वह अंधेरा तो […]

मोदक छंद विधान– १२ वर्ण प्रति चरण चार चरण दो-दो समतुकांत भगण भगण भगण भगण २११ २११ २११ २११ मोदक भोग गणेश लगे जब। मूषक मौज मने मन में तब। कार्तिक देव चहे मुझको कब। मानस मोदक चाह रखे सब। शंभु महा शिव ध्यान हटा कर। चाहत मोदक ले छुप […]

खेल खेलो ऐसा की समझ न आये। लूट जाये सब कुछ कोई समझ न पाए। कर्ताधर्ता कोई और है पर बदनाम निर्दोष हो जाये। और मार्ग चाल बाजों का आगे के लिए खुल जाये।। देश का परी दृश्य अब बदल रहा है। लोगो का ईमान अब बहुत गिर रहा है। […]

भूत – भविष्य की चक्की में पिस रही ज़िन्दगी, कौन समझता है- वर्तमान का महत्त्व दुख – दर्द की कहानी बन जाए उपन्यास, कौन समझता है – मुस्कान का महत्त्व जमाने की खुशी हेतु जान दे दी उसने, कौन समझता है यहां जान का महत्त्व, पसीने की खुशबू से भी […]

आज जनतंत्र-धनतंत्र हो गया , सुजनतंत्र- स्वजनतंत्र हो गया। लोकतंत्र-थोकतंत्र बन गया , रामराज्य अब दामराज्य हो गया। यह प्रजातंत्र , चन्द लोगों के लिए मजातंत्र है , बाकी लोगों के लिए सजातंत्र। सस्ती के साथ मस्ती चली गयी, और लाइफ को फाइल खा गई। मूल्यवृध्दि, शुल्कवृध्दि, करवृध्दि से कष्टवृध्दि […]

आज भी याद है तुमसे वो पहली मुलाक़ात हम तुम मिले थे ,हु ई थी मुसलाधार बरसात। तुम्हारे हाथों में थी कोई डायरी, मैं भीग कर कहने लगी थी शायरी। रिमझिम बारिश और तुम्हारा प्यार, मैं आहें भरती और ले रही थी दुलार। दिन मानो थम सा गया था, कदम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।