लॉक डाउन और कोरोना की त्रासदी ने आदमी की जिंदगी को अनचाही कैद में तब्दील कर दिया है. पेश है इसी विडंबना पर खांटी खड़गपुरिया की चंद लाइनें …. लॉक डाउन है , इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं . बाल – बच्चों को निहारता हूं , लेकिन आंखें […]
राह तुम्हारी तकता परमात्मा कैसी है उनकी दिव्य आत्मा तुम उनको भूले रहते हो किस धुन में खोए रहते हो अमृत बेला उठकर पहले अपने प्रभु को प्रणाम करो कुछ अपनी सुनाओ प्रभु को कुछ उनका अंतर्ध्यान करो कुछ भी खाओ सबसे पहले प्रभु की सेवा में अर्पण करो यह […]
बड़ी मुश्किल घड़ी आई है आज आपकी विदाई आई है। मन के भावों को व्यक्त न कर पाऊं आपसे बिछड़ कर शायद खुश न रह पाऊं कुदरत का यह बड़ा अजीब नियम जीवन में आगे बढने से रखना संयम, आज भावुक होकर रह न जाऊं तुमसे जुड़े प्यार स्नेह को […]
रिश्ता टूट गया तो आत्महत्या। कोई अपना रूठ गया तो आत्महत्या। फसल बर्बाद तो आत्महत्या। फिल्में नहीं मिलीं तो आत्महत्या। सम्मान नहीं मिला तो आत्महत्या। ओह! कितना नादान और नासमझ है हमारा मन जिसे इतना भी नहीं पता कि जान है तो जहान है। कितना बच्चा है हमारा मन जिसे […]
आये जब यह बारिस का मौसम दिल बहुत घबराता रहता है मेरा मैं बिहार का अबला ग्रामीण हूँ बाढ़ की विभीषिका से नाता मेरा। यह बारिस अमीरो को शकून देती गरीबों के छप्पर को तो चूअन देती भींगते बदन और रोजी न रोजगार आशा में दिन निकला थम जा बरसात […]
मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे लोकप्रिय हो गए जग में सारे मुस्लिम महिलाओं ने राखी भेजी राम की महिमा में आस्था भेजी मंदिर श्रीराम का बनने जा रहा राम ननिहाल से फ़ैज मिटटी ला रहा मंदिर का ताला राजीव ने खुलवाया नरसिंहा राव ने राम को अपनाया न्यायालय से राम ने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।