कितना पवन दिन आया है। सबके मन को बहुत भाया है। कंस का अंत करने वाले ने, आज जन्म जो लिया है। जिसको कहते है जन्माष्टमी।। काली अंधेरी रात में नारायण लेते। देवकी की कोक से जन्म। जिन्हें प्यार से कहते है। कान्हा कन्हैया श्याम कृष्ण हम।। लिया जन्म काली […]

स्वतंत्रता दिवस के दिन मेरा वाट्सएप शुभकामनाओं से अटा पड़ा था। हर शख्स स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं ऐसे बांट रहा था जैसे वह किसी खुशी में राबड़ी बांट रहा हो। मैं सभी के शुभकामनाओं का जवाब भी दिनभर देता रहा। छुट्टी का दिन था इसलिए कोई कामकाज तो था नहीं। […]

रोहिणी नक्षत्र की अष्टमी में भगवान धरा पर आए थे कारागार में जन्म लिया था दुष्ट कंस भयभीत हुआ था गोकुल में बाल लीलाए दिखाई माखन चोरी की, डांट भी खाई बांसुरी से अपनी सबको रिझाया तारणहार का उसने फ़र्ज निभाया मां देवकी का जांया था वह यशोदा का दुलारा […]

बिहार के सिवान जिले के सिसवन प्रखंड के चैनपुर गाँव के मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे व भौतिक विज्ञान के छात्र रूपेश कुमार, पुत्र- श्री भीष्म प्रसाद, को अखिल भारतीय साहित्यिक एवं कला संस्थान “संस्कार भारती, नोयडा” द्वारा शताब्दी साहित्य कुम्भ में चलने वाले दस दिवसीय सम्मेलन में श्रेष्ठ आने पर […]

माखन के चोर , गोपियों की नैनो के मोर, तूने कैसा खेल किया , दुनिया सारी तुम्हारे है ओर , मीरा तुम्हारी दीवानी , राधा तुम्हारी दीवानी , दुनिया तुम्हारे दीवाने , तेरे हाथों युग बना घनगोर, कहीं जन्मा तू , कहीं पला तू , कहीं खेला तू , कहीं […]

उम्र बीत जाती है, जिंदगी को बनाने में। मेहनत करनी पड़ती है, लक्ष्य को पाने में। तब कही जाकर मंजिल, हासिल कर पाते है। और अपनी पहचान, बना पाते है जमाने में।। हँसना तालियां बजबना, आसान काम होता नही। खुदका दर्द पीकर, जो हंसाये जग को। वो बहुत जिंदा दिल, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।