घोर घटाएं जब घिरने लगती है, तुम्हारी याद मुझे आने लगती है। रिम झिम रिम झिम जब बादल बरसे, मिलन की आस सताने लगती हैं।। साथ न हो सावन में साजन का, दिल में घुटन सी होने लगती है। बिन साजन सावन की भीगी राते, मुझको दुश्मन सी लगने लगती […]
एक फरिश्ता आया था जग में रूहानी प्रकाश फैलाया जग में प्रकाशमणि नाम था उनका विश्व में शांति काम था उनका विश्व बंधुत्व की अलख जगाई प्रभु सन्तान सब बहन और भाई ब्रह्माकुमारीज को आगे बढाया शिव परमात्मा का बोध कराया विकारो से मुक्ति का पैगाम दिया पवित्र जीवन का […]
श्री गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर सखी साहित्य परिवार की राष्ट्रीय अध्यक्ष आ दीपिका सुतोदिया जी एवं राष्ट्रीय महासचिव आनंद अमित जी के दिशा निर्देश में एक सफलतम अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमेरिका से श्री अनूप अलग जी थे। विशिष्ट अतिथि […]
कुदरत के कहर से धरती आज कांप रही है। कारे भी कागज की नाव की तरह तैर रही है।। जिधर देखो हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। कुदरत के इस कहर से आज मानव पस्त हुआ है।। जिधर देखो पानी ही पानी सब बाढ़ग्रस्त हुए है। खाने पीने की बात […]
जिंदगी में क्या खोया, क्या पाया इसका हिसाब किताब करने बैठो तो सचमुच एक कहानी बन जाती है…यह जिंदगी तो न जाने कितने रंग दिखाती है…कितने ही सांचे में ढलकर सामने आती है। बीते हुए कल की कुछ आधी अधूरी यादें… कुछ कही अनकही कहानियाँ… यही तो जिंदगी भर की […]
नही होती सुंदरता किसी के भी शरीर में। ये बस भ्रम है अपने अपने मन का। यदि होता शरीर सुंदर तो कृष्ण तो सवाले थे। पर फिर भी सभी की आंखों के तारे थे।। क्योंकि सुंदरता होती है उसके कर्म और विचार में। तभी तो लोग उसके प्रति आकर्षित होकर […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।