कपिलवस्तु के लुम्बिनी वन में शाक्यकुल के राज्यवंश में शुद्धोधन-महामाया के घर इक महापुरुष अवतारे थे तेजस्वी इस ज्योतिपुंज से एशियाई क्षेत्रों में उजास हुआ प्रेम शांति का संचार हुआ… राजा शुद्धोधन-मायादेवी ने पाया सुदर्शन इक राजकुमार सिद्धार्थ उदास ही रहता था देख बुढ़ापा, रोग, मृत्यु को राजमहल के वैभव […]

● मणिमाला शर्मा इंदौर। कालजयी साहित्यकारों की स्मरण शृंखला में मंगलवार को श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति ने राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिंद’ के पुण्यस्मरण पर उन्हें याद किया। स्वागत वक्तव्य समिति की साहित्यमन्त्री डॉ. पदमा सिंह ने दिया। उन्होंने कहा कि ‘ सितारेहिंद जी अपनी मातृ‌भाषा के लिए समर्पित व्यक्तित्व के […]

आधुनिक तकनीकी को पारिस्थितिकी से माफी माँगनी चाहिए – मनोज श्रीवास्तव साझा संसार नीदरलैंड्स की पहल पर ‘साहित्य में पर्यावरण का वैज्ञानिक अध्ययन’ शोध ग्रंथ पर विमर्श आयोजन ऑनलाइन संपन्न हुआ।इस आयोजन की अध्यक्षता प्रख्यात, वरिष्ठ साहित्यकार एवं मध्यप्रदेश शासन के सेवा निवृत, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने […]

अक्षर देह के रूप में सदैव विराजित रहेंगे दादा रामनारायण-श्री उपाध्याय इन्दौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में कालजयी साहित्यकारों की चित्र शृंखला में सोमवार को पदम् श्री रामनारायण उपाध्याय जी के चित्र का लोकार्पण हुआ। श्रीमध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर ने उनकी 106वीं जयंती पर उनके चित्र का अनावरण […]

सूर्यास्त के समय वो गुनगुनाते हुए निकल जाता था। शायद ही ऐसा होता की उसका पूरा खोमचा बेचा न गया हो। आते वक्त साइकल की घंटी बजाता और जाते वक्त गुनगुनाता। उसके जाने के कुछ पल के पश्चात पशुओं का आना होता वहां। गांव से जाता था वही एक रास्ता […]

इंदौर। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के साप्ताहिक कार्यक्रम कालजयी साहित्यकार स्मरण शृंखला में आज मंगलवार को शमशेर बहादुर सिंह के साहित्यिक कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए उन्हें उनकी रचनाओं के साथ याद किया गया। 13 जनवरी, 1911 को जन्मे और 12 मई, 1993 को इस संसार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।