जो तेरे जज्बातों को जुबान पर आने से पहले ही जान जाते हैं, वो माँ बाप ही होते हैं जो तेरे चेहरे से तेरी परेशानी को पहचान जाते हैं. तेरी खातिर सोलह सोमवार व्रत रहते, उदास ग़र तू हो तो वो भी खुश रह पाते कहाँ है, मौका मिले तो […]
बात चार साल पहले की है देश के प्रतिष्ठित अखबार के दफ्तर में हिंदी पर परिचर्चा आयोजित की गई थी। परिचर्चा में प्रतिभागियों में उच्च शिक्षित व उच्च अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। साहित्यकारों की तरह से मुझे बुलाया गया था। आयोजन आरंभ होने में देर थी। इसलिए सभी […]
अनजाने में हुए पाप का प्रायश्चित करना जरूरी है भविष्य मे कोई पाप न हो यह सावधानी जरूरी है हमारी किसी गलती से अगर कष्ट किसी को हो जाए खुले मन से करो पश्चाताप अन्यथा दण्ड मिले, जरूरी है दण्ड से बचने की ढाल न बनाओ कभी क्षमा को निर्लेप […]
खड़ा हूं प्रलय की आंधियों में, लड़ा हूं डट कर, टूटा हूं सौ बार, गिरा हूं,फिर उठा मन विकराल कर चला, रुका नहीं, फिर कभी दोबारा डिगा नहीं।।। संकट के बादल है घिरे, आंसू खून के हैं वहे, मैं डटा सौ बार, फिर टूटे मन से हूं चला,घनघोर हवाओं के […]
चकित हूँ यह देखकर कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में संघ की राजभाषा या राष्ट्रभाषा का कहीं कोई जिक्र तक नहीं है. पिछली सरकारों द्वारा हिन्दी की लगातार की जा रही उपेक्षा के बावजूद 2011 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार आज भी देश की 53 करोड़ आबादी हिन्दी भाषी है. […]
भय निराशा कुंठा असफलता से, माना लड़ना आसान नहीं। पर मुश्किलों से डर कर , ‘आत्महत्या’ करना समाधान नहीं। किसी को जीवन दे ना सको, तो जीवन लेने का अधिकार नहीं। अपमान किया जो जीवन का, तो तुझसा कोई नादान नहीं। ईश्वर की नेमत से तुझको , ये जीवन एक […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।