भारत माता के माथे बिंदी, बड़ी प्यारी लागे भाषा हिन्दी। मां की ममता सी प्यारी हिंदी, मधु सी मीठी लागे भाषा हिन्दी। सरस ,सरल और सहज है हिन्दी, सबके मन भावे भाषा हिन्दी। हर दिल की धड़कन भाषा हिन्दी, रग रग में बसी है भाषा हिन्दी। प्यार की भाषा, परिभाषा […]

वृक्ष धरा के आभूषण हैं जीवन के आधार सखे! रोपावनी कराकर करना पृथ्वी का सिंगार सखे!! धरती का करते पोषण हैं अमृत जल बरसा करके! कोख कीयारी की भर जाती रिमझिम बूंदें पाकर के!! देते जल जंगम चेतन का जीवन का आधार सखे ! रोपावनी कराकर करना पृथ्वी का सिंगार […]

“मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज़्ज़त करता हूं परंतु मेरे देश में हिंदी की इज़्ज़त न हो यह मैं सहन नहीं कर सकता |” यह उद्गार है उच्च कोटी के विचारक दार्शनिक समाजसेवी एवं सर्वोदय पदयात्रा और भूदान के महान प्रवर्तक संत विनोबा जी के नाम से विख्यात विनायक […]

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने ईश्वरीय ज्ञान की शुरुआत हिंदी से ही की।परमात्मा शिव की वाणी मुरली मुख्यतः हिंदी में ही प्रसारित होती है।राष्ट्रीय स्तर पर संवाद स्थापित करने के लिए हिंदी ही इस संस्था का मूल आधार है। हिंदी बहुसंख्यक जन की भाषा होने […]

किसी के दर्द को जब, तुम अपना दर्द समझोगें। मरी हुई इंसानियत को, जिंदा कर पाओगें। और अपने अंदर तुम, तभी इंसान को पाओगें। और मनुष्य होने का, फर्ज तुम निभा पाओगें।। नहीं काटती अब उम्र, इस तरह के माहौल में। घुटन होती है अब, इस तरह के माहौल में। […]

तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, हां,तुम मुझे भुला ना पाओगे। पंगा लिया है तुमने मुझसे उसका खामियाजा तो उठाओगे। यह देश है सभी वासियों का अकेला नहीं हैं ये तुम्हारा। महाराष्ट्र है उसका एक हिस्सा क्यो बनाते हो अलग किनारा सारा देश मेरे साथ खड़ा है, तुम्हारे साथ कौन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।