2 दिन का हल्ला गुल्ला है, हिंदी की चीख-पुकार है, हिंदी-हिंदी का शोर है, यह हिन्दी कितनी बोर है, सच में यह कितनी ढीठ है, हुई खूब मिट्टी पलीत है, फिर भी यह हिन्दी जिंदा है? अंग्रेजी लल्ला शर्मिंदा है! हाय-हेलू का जमाना है, इस हिंदी को घर से भगाना […]
16 दिसम्बर 2012 को भारत की राजधानी दिल्ली की सुनसान सड़क पर हुए 23 साल की ज्योति के साथ हुए उस हादसे का जिक्र अगर आज भी कभी होता है तो लबों पर शिकायत, दिल में दर्द, मन में डर और आँखों में अश्क होता है । वो रात भयानक, […]
पग पग पर कांटे बिछे चलना हमें पड़ेगा। कठिन इस दौर में हमको संभला पड़ेगा। दूर रहकर भी अपनो से उनके करीब पहुंचना पड़ेगा। और जीवन के लक्ष्य को हमें हासिल करना पड़ेगा।। जो चलते है कांटो पर मंजिल उन्हें मिलती है। और दुखके दिन बिताकर सुख में प्रवेश करते […]
कर लो सुध कुदरत की आज, की है हमने जिससे छेड़छाड़। करके छिद्र ओजोन परत में, क्यों रहे स्वार्थ के झंडे गाड़। अपनी धरा के सुरक्षा कवच को, हम सब मिलकर तोड़ रहे। बो कर कांटे राहों में अपनी, फूलों की बाट जोह रहे । अपने आराम कि खातिर हमने, […]
पुकारती है मां भारती ढूंढती है आजादी गली-गली ,शहर-शहर पुकारती है मां भारती बेड़ियों में धर्म की जकड़ी मां भारती सिसक रही है एकता को फिर से मां भारती ढूंढती है आजादी कर्ज से लगी हुई भुखमरी ,गरीबी से पेट भरने को तरस रही है मां भारती ढूंढती है आजादी […]
मौन साधे समय खड़ा है सवाल उससे भी बड़ा है क्या ख़ता हुई है हमसे कोरोना मौत सा तना है कोई उपाय सूझता नही राह कोई दिखती नही काम ठप्प सबका पड़ा है देश चिंतित सा खड़ा है इस चिंता से उभार दो कोरोना संकट उतार दो हम तो है […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।