जिसको नहीं होती काम की चाहत उसको लगता काम है भारी आफत। कल पर जो टाले आज का काम, करते नहीं कोई काज ,खूब करते आराम। बहाना हर बार बिगाड़ता काम कोई नया। बहानेबाज को आज तक समझ ना आया। जिसने किए बहाने हजार उस पर रहता काल सवार। स्वरचित […]
न बोल सकता हूँ न सुन सकता हूँ हाँ देख सकता हूँ परन्तु कह नहीं सकता। कुछ करने का तो। प्रश्न उठता ही नहीं। क्योंकि ये भारत है। जहाँ एकतरफ चलता है। चाहे टेलीविजन हो या रेडियो हो या समाचार पत्र हो। सभी एक तरफ ही दौड़ाते है। पर किसी […]
आर्यधरा की रज छूकर प्रफुल्लित हुआ मन मेरा श्रद्धानन्द की कर्मस्थली पर नतमस्तक हुआ है मेरा गुरुकुल कांगड़ी ज्ञान मंदिर आर्य पताका फैहराता है गांधी को महात्मा मान दिया देशभक्ति को अधिमान दिया गंगा के पावन तट से ही तो दयानंद ने पाखंड खंड किया रूपकिशोर इस मंदिर को फिर […]
प्रीत की आग लगाई क्यों तुमने। आग लगाकर बुझाई क्यों तुमने।। पास बुलाकर अपने दूर मुझे क्यों तुमने। पहले सताई ही हूं फिर सताई क्यों तुमने।। छोड़ दिए थे सारे त्यौहार जब मैंने फिर से करवाचौथ मनाई क्यों मैंने चोट पहुंचा कर मलहम लगाया है तुमने। फिर इतनी गहरी चोट […]
तनिष्क ज्वेलरी ने अपने एक एडवरटाइज में हिन्दू लड़की को मुस्लिम परिवार की बहू बना कर प्रदर्शित किया। जिसमें मुस्लिम महिला बनी सास अपनी गर्भवती हिन्दू बहू का ध्यान रखते हुए गोद भराई की रस्म संपन्न करती है, जिसे बड़े ही आकर्षक रूप में बताया गया है। दुर्भाग्य से यह […]
जब से मिली है नजरे तुम से। दिल में कुछ कुछ होने लगा है। था जो पहले कठोर और नीरस। अब वो मचलने और पिघलने लगा है।। ये क्या मेरे साथ अब हो रहा है। इसकी मुझे कुछ भी नहीं खबर। दिल जो मेरा नीरस था अब रसो से भरने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।