कई वर्षों के बाद वह ऑफिस के काम से आगरा आया हुआ था । काम तो एक दिन पहले ही निपट गया, पर वह अपने कॉलेज वाले दोस्तों से एक मुलाकात करना चाह रहा था । वैसे फेसबुक पर दोस्तों के क्रियाकलाप देखता रहता था और कभी-कभी ऑनलाइन मिलने पर […]

खबरपालिका लोकतंत्र का दिल हैं- डॉ. वैदिक मोदी किसी को नहीं डराते – डॉ. वैदिक इंदौर। लोकतंत्र को शरीर माने तो न्यायपालिका उसका दिमाग, कार्यपालिका उसके हाथ, और विधायिका उसके पैर है तब खबरपालिका उसका दिल हैं और दिल का काम लोकतंत्र को जोड़ना मजबूत करना होता है। उक्त बात […]

सूरज की ताप में, बूंदों की सैलाब में, आँसू के नमक में, खुशियों की चमक में । वो काम करते है, वहां, जहाँ वो जीते औऱ मरते हैं । सिर पर साफा गमझी का, तलवे पर ओढ़नी मिट्टी का । चेहरे पर चमक लम्बी मूछों का, हाथों को सहारा गाय […]

मिला मुझको बहुत कुछ अपनी मेहनत लगन से। मेरे अनुभवों को कोई न क्या कभी छोड़ा पायेगा। तपा हूँ आग की भट्टी में तो कुछ बनकर ही निकला हूँ। और फिर से जिंदगी में कुछ नया निश्चित करूंगा।। भले ही जमाने ने हमें ठोकर मार दी हो। पर अपने लक्ष्य […]

घाव भर जाता है गोली का नही भर पाता है बोली का बोली गैर को अपना बनाती बोली ही अपनो को गैर बनाती जीवन मे अहम है बोली विष से भी घातक है बोली मधुर बोली खुशियां बरसाती कड़वी बोली कष्ट पहुंचाती मीठी बोली सबको भाती सबको अपनी ओर लुभाती […]

संस्कृत में 1700 धातुएं, 70 प्रत्यय और 80 उपसर्ग हैं, इनके योग से जो शब्द बनते हैं, उनकी संख्या 27 लाख 20 हजार होती है। यदि दो शब्दों से बने सामासिक शब्दों को जोड़ते हैं तो उनकी संख्या लगभग 769 करोड़ हो जाती है। संस्कृत इंडो-यूरोपियन लैंग्वेज की सबसे प्राचीन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।