सूरज अपनी रोशनी समेट रहा था, चांद आसमान को फाड़ कर बाहर निकल रहा था आसमान पहले से भी ज्यादा गहराता जा रहा था धुंध बेबजह घरो से निकल कर भाग रही थी कुत्ते आज भौंकने की जगह दहाड़ रहे थे वो दफ़्तर से निकला आदमी नींद की गोली की […]

हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। अभी हालात से मज़बूर हैं लेकिन तुम्हारी जिंदगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ रही लेकिन तुम्हारे होठ पर सीरी जुबां हम थे। ये तख़्तों ताज दुनियाँ में भला कब तक मुहब्बत ज़ीस्त है […]

बिहार| लक्ष्य संस्था द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग ऑनलाइन ईद मिलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। मुशायरे कीअध्यक्षता प्रसिद्ध गजलकऻर डॉक्टर् मनसूर हसन खा मनसूर ने की, मुख्य अतिथि गजलकार श्री संजय मल्होत्रा, हमनवा विशिष्ट गजलकार श्री आहत लखनवी थे। थे। मुशायरे का सफल संचालन गोबर गणेश ने किया वाणी वंदना […]

जोर शोर का संगीत बड़े बड़े लोगों की भीड़।एक के बाद एक भाषण।साथ ही बारीक से बारीक काम की चर्चा। वाह ! ठेकेदार साब वाह !! आपने तो कमाल कर दिया। अपने रात दिन के कठिन श्रम से असंभव को संभव कर दिया। ठेकेदार फूले न समाए।आज पुल के उद्घाटन […]

वो मोहब्बत हमसे कुछ इस तरह निभा गये। अपने सारे दुख दर्द दिल में छुपाये रहे। और मिलते रहे हमसे हमेशा हँसते हुये। भनक ही नहीं लगने दी वो जीते रहे हमारे लिए।। माना कि हम मोहब्बत उनसे बेपनाह करते है। पर वो सारे जमाने से बेपनाह मोहब्बत करते है। […]

सबको सब कुछ मिलता नही हर पेड़ पर पुष्प खिलता नही पराजय के डर से परीक्षा छोड़ दे यह जीवन की जीवटता नही सफलता चाहिए तो हारना सीखो दुश्मन को गले लगाना सीखो मिल जायेगी सफलता एक दिन परमात्मा से योग लगाना सीखो ।#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 25

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।