घरों में रहना ही अब हो गया काम दुनिया का दस्तूर कब बदल गया हे राम आदमी तो आदमी जानवर भी भूखे सो रहे निठल्लों का पता नहीं मेहनतकश रो रहे ना एंबुलेंस की कांय – कांय ना पुलिस गाडियों की उड़े धूल बस्तियों में बरसे सुख – चैन मंदिरों […]

तोड़ दो अब चुप्पी , तुम कुछ तो बोल दो। खजाने सारे मन्दिरों के, अब तो खोल दो। किया था श्रद्धा भाव से, भक्तों ने जो अर्पण। अरे मंदिर के ठेकेदारों, कुछ तुम भी करो अर्पण। मिलता है पुण्य दान से, ये तुम ही बोलते हो। तिजोरियाँ फिर अपनी, क्यों […]

बचपन,जवानी और बुढ़ापा जीवन का हर रंग खरा सा बचपन मे जिसे संस्कार मिला पढ़ने का अच्छा आधार मिला जवानी उसकी पहचान बनाती ताकत भी राष्ट्र के काम आती कुसंस्कारों से वह बचा रहता सद्चरित्र उसके काम आता बुढ़ापा उसको कष्ट न देता निरोग काया स्वस्थ्य मन देता प्रभु को […]

आज हिन्ददेश परिवार के तत्वावधान में पटना ईकाई का ऑनलाइन उदघाटन समारोह बडे निराले अंदाज के साथ सम्पन्न हुआ ।देश विदेश के कलमवीरो ने अपनी काव्य प्रस्तुती के साथ इस ऐतिहासिक नगरी का खूब वखान किया।इस कार्यक्रम की संरक्षिका अर्चना मिश्रा सह संयोजिका स्नेहलता द्विवेदी ने अपने काव्य पाठ से […]

फिर से तारी है सितम अपने वतन में देखूँ इस वबा को तू मिटा दे,ये चमन में देखूँ ढेर लाशों का बना रूह लरज़ जाती है ज़िन्दगानी है फ़ना,मौत जिसे आती है ख़ून के अश्क हैं ग़मगीन बयाँबानी है फ़िक्र उसको है कहाँ जिसकी ये सुल्तानी है वो निगहबान है […]

समाज का एक आम नागरिक अपने ही जातिवर्ग के सामाजिक-राजनैतिक संगठन की मार झेलने को मजबूर है। जिसका मूल कारण है, समाज के पढ़े-लिखे विद्वानों का मौन रहना ओर दबंगों द्वारा किए जा रहे अत्याचार को जबरिया सहन करना। किसी विद्वान-ज्ञानी ने क्या ख़ूब कहा है -: परिवार और समाज […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।