मैं तुझ आत्मा का कौन हूँ! पल-पल का साथी, तेरा हर व्यवहार हूँ मैं। तेरे सब रिश्ते-नातों का सात्विक सार हूँ मैं, तुझमें ही रचा-बसा,घुला-मिला तुझसे भी पार हूँ मैं। पल-पल का साथी, तेरा हर व्यवहार हूँ मैं॥ तुझसे भरा हुआ,तुझसे भी रिक्त, तेरे ममत्व से स्वयं को कर अभिषिक्त […]