बाबू जी नहीं रहे, यह खबर सभी रिश्ते-नातेदारों तक पहुँच खई ।  सुदूरवर्ती बेटे को टेलीफून से सूचित कर दिया गया । वह ठीक समय पर पहुँच गया ।  शाम तक  अंतिम क्रियाकर्म के लिए सभी  आ चुके थे। घर के बाहर लोगों का जमावड़ा था। महिलाओं ने बड़ी मुश्किल […]

इस फ़रेबी दुनिया से बचना जरूरी हो गया है, लग रहा है सूर्य-सा जलना जरूरी हो गया हैl रात है ग़म से भरी और संग दौर-ए-ज़ाम है पर, ऐसा लगता प्यार का मिलना जरूरी हो गया हैl  कट रही है ज़िन्दगी भी अपनी कुछ तन्हाईयों में, अब गिरूँगा इश्क में,गिरना […]

ये ग़ज़ल है मेरी आपका घर नहीं, इसमें करवट न कोई बदल पाएगाl मैंने तेरे लिए इक ग़ज़ल लिख दिया, इसको पढ़ के मेरा दिल सम्हल जाएगाll ये ग़ज़ल….. जब तुम्हारे लिए आईना देखता, तुम हमारे ह्रदय में उतर जाती होl हुस्न का रंग तुम्हारा निखर जाता है, बातों-ही-बातों में […]

मेघों ने अमृत घट, छलकाया अम्बर से, बूंदों  ने चूम लिए, धरती के गाल। शरमाया ताल। परदेसी मौसम ने , अम्बर के आँगन में, टांग दिए मेघों के , श्यामल परिधान। वातायन वातायन, गंध घुली सौंधी-सी, दक्षिणी हवाओं ने, छेड़ी है तान। किरणों ने बदन छुआ, रिमझिम फुहारों का , […]

सोंधी-सोंधी-सी ख़ुशबू लेकर जब तुम आती हो, मुझको तो लगता है अपने खेत की तुम माटी हो। हरे-भरे पत्तों के जैसा है परिधान तुम्हारी, बागों की नाज़ुक कलियों -सी है मुस्कान तुम्हारी, पंखुड़ियों से अधर खिले तुम हर एक को भाती हो। मुझको तो लगता है अपने खेत की तुम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।