मेरे सफ़र की न जाने कैसी ये शुरुआत हुई, जीते थे लाख सम्मान मगर ये कैसी मेरी हार हुई. दाना चुग परिदों की घोसलों के लिए उड़ान हुई, सपनो के घर में जिन्दगी अब मेरी मेहमान हुई. मेरे जिए किरदार की तस्वीर अब परछाई हुई, बूढी काया मेरी अब औरों की मोहताज़ हुई. शतरंज के […]