मन दर्पण को स्वच्छ बना लू जीवन की शंध्या से पहले। परम पिता को मै अपना लू जीवन की शंध्या से पहले।। आपा धापी दौड धूप चलती रहती है। आशा तृष्णा सदा हृदय कलुषित करती है।। सुबह शाम शंध्या रात्री के प्रहर बीतते संकल्पों मे ब्यथित सदा  होकर हम रहते। […]

है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन ! वो पल वो क्षण हमारे नयनों का मिलन जब था मूक मेरा जीवन तब हुआ था तेरा आगमन कलियों में हुआ प्रस्फुटन भंवरों ने किया गुंजन है मुझे स्मरण… जाने जाना जानेमन ! तेरा रूप तेरा यौवन जैसे खिला हुआ चमन चांद सा […]

किस तरफ हो मुड़ो। जिन्दगी    से   जुड़ो। जो     निभाये  —  निभे उस अभिलाषा से जुड़ो। जो खुशी से  जुड़े तुम उसी से जुड़ो। यह  जरूरी   नहीं तुम मुझी से जुड़ो। कुछ  लचीले  बनो, तब किसी से जुड़ो। गर  ख़ुदा चाहिए  बेखुदी से  जुड़ो। जोड़ जाहिर न हो, गर […]

चक्षुओं में मदिरा सी मदहोशी मुख पर कुसुम सी कोमलता तरूणाई जैसे उफनती तरंगिणी उर में मिलन की व्याकुलता जवां जिस्म की भीनी खुशबू कमरे का एकांत वातावरण प्रेम-पुलक होने लगा अंगों में जब हुआ परस्पर प्रेमालिंगन डूब गया तन प्रेम-पयोधि में तीव्र हो उठा हृदय स्पंदन अंकित है स्मृति […]

(जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतिपुरा में आतंकी हमले में हुतात्मा वीरों के याद में शासनतंत्र को कर्तव्यबोध दिलाती एक कवि की भावपूर्ण कविता –) कह रहा स्तब्धित खड़ा हिमालय, घुटता रो-रो सिंधु का नीर, हे भारत के सेवक जगो, क्यों मौन सुषुप्त पड़े अधीर ! क्रुर प्रहार झंझावातों […]

शेरनी भी पीछे हट गयी बछड़े की मां जब डट गयी हमारी कलम वो खरीद न सके लेकिन स्याही उनसे पट गयी हमारे मुंह खोलने से पहले दांतों से जीभ ही कट गयी सच बोलने लगा है अब वो समझो उमर उसकी घट गयी गौर से देखो मेरे माथे को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।