बड़ी सी गोल बिंदी,,,  चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान,,,  संसद की  उपमा चली गई,, सादगी और सोम्‍यता की,,,  अद्भुत प्रतिमा चली गई,,, किया काल ने छल तो देखो,,, निश्छल “सुषमा” चली गई,,, #सचिन राणा हीरो Post Views: 454

था अंधेरा घना भयंकर , मगर अब सूरज उगने लगा है,, मेरा अपना सा कश्मीर आज सचमुच अपना लगने लगा है  कश्मीर मेरे देश का मस्तक, तब मुझे एक आंख नहीं भाता था जब लाल चौक पर मेरे देश का तिरंगा नहीं फहराया जाता था एक देश है, एक तिरंगा, […]

दोस्त की बहन को बहन ही समझो जिसके घर एक ही थाली में खाना खाया है उस दोस्त के मां-बाप की हमेशा इज्जत कर लो जिनके पांव को हाथ लगाया है, मजहब जाति धर्म से बढ़कर याराना होता है मित्रता का मतलब तो बस मित्र का हो जाना होता है […]

राजा तेरे राज में यह कैसी हाहाकार है, प्रजा को न्याय नहीं तेरी यह कैसी सरकार है, बेटियों की इज्जतें क्यों रुसवा हो रही, अस्मते है लूट रही क्यों बेटियां है रो रही, आंसू पोछने वालों से ही क्यों मिली दुत्कार है, राजा तेरे राज में यह कैसी हाहाकार है, […]

जीवन की झोली में जब केवल गम होंगे, जब कोई नहीं होगा तब केवल हम होंगे, जब दौलत अच्छी ना लगेगी शोहरत से जी घबराएगा, एक दूजे को देखे बिना तब चैन नहीं आ पाएगा, भीड़ भरे आंगन में भी जब तन्हा केवल हम होंगे, जब कोई नहीं होगा तब […]

आधुनिकता के युग में कुछ ऐसे हम आए लैटर बॉक्स तक को हमारे बच्चे जान नहीं पाए कंप्यूटर, मोबाइल की दुनिया में कुछ ऐसे झूल गए हैं नीली, पीली खत चिट्ठियों को हम भी भूल गए हैं कैसे हम डाकघरों में पंद्रह पैसे में खत मांगा करते थे कैसे घर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।