क्या कोई ऐसास्कूल,विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान है जहां परमात्मा स्वयं पढ़ाते हो और वही एक मात्र शिक्षक व गुरु हो?जी हां , प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक ऐसी अनूठी आध्यात्म ज्ञान और चरित्र निर्माण की शिक्षण संस्था है जहां प्रतिदिन स्वयंं परमात्मा ही पढ़ाते है।जो पाठ प्रतिदिन ब्रह्माकुमारीज के 140 […]

जन्म लेते ही तुम मिली थी मुझे देखते ही तुम्हारी बांछे खिली रखती थी मुझे दिल से लगा के अपने आँचल से दूध पिला के लात भी मेरी तुम सहती थी उफ तक नही कभी कहती थी छींक जब कभी मुझे आ जाती परेशान तुम बहुत हो जाती थी मेरे […]

जीवन के हर क्षण को आखिरी मान लीजिए जो भी सद्कर्म कर सको आज ही कर लीजिए भरोसा नही सांसो का न जाने कब रुक जाए हर सांस के साथ साथ प्रभु स्मरण कर लीजिए हरदम याद रहे गर प्रभु दुःख कभी पास न आए सुख ही सुख हो जाएगा […]

विघ्नहर्ता , शुभकर्ता मोदकप्रिय गण नायक हो पूजा से पहले पूजा तुम्हारी ऐसे तुम अधिनायक हो माता- पिता का मान बढाते उन्ही की परिक्रमा कर आते पुत्र रूप में कीर्ति तुम्हारी शंकर -पार्वती के उत्तराधिकारी सद्गुणी है गणवेश तुम्हारा कार्तिकेय से पहले नाम तुम्हारा मनोकामना के तुम हो स्वामी मूषक […]

प्रख्यात भूकंप वैज्ञानिक प्रो. आनंद स्वरूप आर्य अब हमारे बीच रही है।उनके निधन से शिक्षा जगत ही नही अपितु समाजसेवा का क्षेत्र भी गमगीन हुआ है।डॉक्टर आनंद स्वरूप आर्य के निधन से रुड़की को गहरा आघात लगा है। प्रोफेसर आर्य ने न सिर्फ भारत अपित पूरे विश्व के लिए अपना […]

बालमन है सबसे सुंदर पवित्र यही कहलाता है अबोधता ही इसका गुण छल, कपट नही आता है विकार मुक्त रहता है मन पवित्रता गुण ही भाता है राग ,द्वेष से भी दूरी रहे कोमल तन मन सुंदर रहे अबोध से जो बोध बने बालक से जो बड़े बने माया मोह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।