दीन-हीन पर सर्वदा,रखना मारुति दृष्टि। अक्षय करुणा की कभी,रुके न पावन वृष्टि॥ बहती है जीवन-नदी,यह अविकल अविराम। ‘अथ’ में इसके राम हैं, ‘इति’ में भी बस  ‘राम’॥ ‘अथ’ तो है प्रभु नाम का,कभी न किंतु विराम। अंतिम क्षण तक  मन रटे, ‘राम नाम अभिराम’॥             […]

जीता तन का संग्राम मगर, मन की सरहद पर हार गया। कुरुक्षेत्र आ गया आँगन तक, लड़ना अपनी मजबूरी थी घेरे था भीषण चक्रव्यूह अपनों से अपनी दूरी थी, लड़ती थी जाने कहाँ-कहाँ यह  गुडाकेश-चेतना प्रबल, हम ही जाने क्यों भूल गए मोहन की गीता पूरी थी। सोते मूल्यों के […]

अगर भोग में त्याग का, रचना रुप-विधान। तो माण्डवी पुनीत का, करना पावन ध्यान॥ जहाँ उर्मिला का तपा, पातिव्रत्य पुनीत। सदियां लिखतीं हैं वहाँ, दृढ़ संयम की जीत॥                                             […]

साँसों की बज रही बाँसुरी गूंज रहा है मन-वृंदावन, तड़प रही प्राणों की राधा जाने कहाँ छिपा मनमोहन। छलिया तन-कदम्ब पर बैठा रचता चीरहरण की लीला, कर्मों की यमुना में डूबा हर गोपी का तन-मन गीला। हर आँचल में भरी निराशा, सिसक रहा है आँगन-आँगन॥ सम्बन्धों की इस मथुरा में […]

तन-मन,चिंतन कर दिया, तुम्हें समर्पित राम। फिर अपनाते  क्यों  नहीं, राघव करुणाधाम?॥ प्रभु मारुति !अब कीजिए, मर्मान्तक आघात। अहंकार   करने   लगा, फिर मन में उत्पात॥                                               […]

आतंकी उन्माद को, जो करता भयभीत। राघव के उस चाप को, है प्रणिपात विनीत।। निशाचरी आतंक ने, बोया भय,संत्रास। राम-चाप ने अभय का, मन्त्र,आत्मविश्वास।।                                                     […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।