उन्मुक्त नील गगन में, विचर रहे कुछ परिन्दे। काश,हम भी उड़ पाते, छोटे-छोटे पंख लग जाते करते हम प्रेम चमन से। उन्मुक्त नील गगन में, विचर रहे कुछ परिन्दे। […]
हे मां,तेरी है शान निराली, आभा अद्भुत चमकत न्यारी। तेरे सारे पेड़ ये झूमें, हवा के शीतल झोंकों से मन भी कंपित-सा होकर भरता पंछी बन उडारी। हे मां,तेरी […]
पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिए, बरसात का स्वागत करने के लिए। कलियां खिली खोह खोल पंखुरी, मेघों में चम-चम चमकी बिजुरी, मन हर्षित तन कंपित सभी हुए। पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिए, बरसात का स्वागत करने के लिए। नयन मूंदे पेड़ों की सभी कोंपलें, बयार के संग-संग हिलें-डुलें पंछी […]
अरे! ऐसे क्या देख रहे हो, मुझे। सिर्फ पट्टी बंधी है मेरी आँखों पर.. अँधा नहीं हूँl मैं गांधारी हूँ धृतराष्ट्र नहीं। और हाँ, मैं लचीला हूँ.. स्वयं टूटता नहीं हूँ ये बात अलग है कि मुझे तोड़ दिया जाता है, लेकिन तुम्हारी आँखों पर पट्टी तो नहीं है न… […]
मुझे छोड़ तुम जाओगे, जो आनंद बांहों में मेरे और कहां तुम पाओगे। होगा दिल में चैन नहीं मेरे बिन कोई रैन नहीं, हर जगह तुम प्रियतम बैचेनी ही बस पाओगे। जो आनंद बांहों में मेरे ओर कहां तुम पाओगे। मैं करती उत्साहवर्धन मैं तुम्हारा तन-मन-धन, फिर छोड़क़र मुझको तुम […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।