धोखा मिला सहारा मिला, डूबते हुए को किनारा मिलाl हँसना हुआ रोना कभी, मिलना हुआ बिछड़े कभीl सफलता मिली शून्य मिला, हँसे हमेशा हम खिलखिलाl शिखर भी चढ़े नदी में डूबे, उत्साह रहा पर कभी ऊबेl खोजा कुछ कभी खोए कहीं, रोए कभी हाँ कभी रोए नहींl पत्र मिला कभी […]

रब तो रहमत करता है सदा एक-सी सब पर, फिर क्यों अलग-सा ही वो सबसे पाते हैं। अरे जो पूछते हैं ऐसा,उन्हें बता दो बस इतना, अलग-सा पाने वाले माँ-बाप के चरणों में शीश झुकाते हैं। वो कुछ नहीं करते इसके अलावा अलग पूरी जिंदगी में, फिर भी उनके ये […]

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आओ जीवन सुलझाते हैं… जब स्वयं में विचलन हो, ठहराव की आस में उभरी तड़पन हो मन बेलगाम हो,बस भागता हो, एक डर अनजाना कम्पन हो जब खुद को अकेले पाते हैं। आओ जीवन सुलझाते हैं…॥ आँखों में… जब जीवन की धुंधली तस्वीर हो, धुंधला रास्ता,साफ़ दिल की पीर हो […]

भाग्य और पुरुषार्थ का मिल जाए हमें संग, हम बढ़ते ही जाएँगे लेकर मन में नई उमंग। ऊर्जावान तरंगों की गति ले कदम बढ़ाएँगे, राह के काँटों को हम कुचलते ही जाएँगे। राह के पत्थर कब तक हमको गिराएँगे, हम गिरकर उठेंगे,उठकर बढ़ते ही जाएँगे। मंजिल तक पहुँचना ही जो […]

`चायनीज` और `स्वदेशी` का झंझट ही मिटाएँ, अब से दीपावली पर पटाखे ही न जलाएँ इस दिवाली पटाखे न जलाकर, गरीबों के घर दीपक जलाएँl  आओ सार्थक दीपावली मनाएँ, इस दिवाली व्यसन न करकर गरीबों को मिठाई खिलाएँ आओ सार्थक दीपावली मनाएँl  इस दिवाली चीनी सामान न लें, स्वदेशी वस्तुएँ […]

इस बार दिवाली पर जमकर खुशी मनाना तुम, खुशी की ख़ातिर बस मिट्टी के दीए जलाना तुम। राम आएंगे तुम्हारे घर लेकिन राम किसी के बन जाना तुम,  जो तरसे हैं रोटी को,उनकी रोटी का साधन बन जाना तुम। जो जला रहे हैं देश को,उस देश का सामान न जलाना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।