विश्व पुस्तक मेला फरवरी में, तारीख़ हुई घोषित

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संस्मय प्रकाशन भी होगा विश्व पुस्तक मेले में शामिल

इस बार मेले में इन्दौर का संस्मय प्रकाशन भी हिस्सा लेगा, जहाँ संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों को भी विक्रय के लिए रखा जाएगा। नौ दिनों तक नियमित आयोजन होंगे, लेखकों से मुलाक़ातें होगी, इन्दौर व आसपास के भी लेखकों की पुस्तकें भी उपलब्ध होगी।

नई दिल्ली। साहित्य का महाकुंभ विश्व पुस्तक मेला (World Book Fair) फरवरी 2023 में आयोजित होगा। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) ने तस्वीर स्पष्ट करते हुए घोषणा की है कि 25 फ़रवरी 2023 से 5 मार्च 2023 तक यह मेला प्रगति मैदान, दिल्ली में आयोजित होगा।
ज्ञात हो कि प्रतिवर्षानुसार यह विश्व पुस्तक मेला जनवरी में आयोजित किया जाता है किंतु एनबीटी ने अब यह पुस्तक मेला फ़रवरी माह में आयोजित करने का निर्णय लिया है। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) के साथ प्रगति मैदान में अनुकूल बुकिंग नहीं मिल पाने के कारण 2023 में यह जनवरी नहीं, बल्कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में होगा।

बता दें कि हर साल दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में देश दुनिया भर से लोग आते हैं और अपनी मनपसंद किताबें खरीदते हैं। साथ ही इस विश्व पुस्तक मेले के आयोजन का लोग इंतजार करते हैं। पुस्तक मेले में हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर पुस्तके मौजूद रहती हैं। सभी लोग परिवार के साथ इसमें शामिल होकर मेले का आनंद लेते हैं और अपनी मनपसंद किताबें खरीद लेते हैं। इस बार मेले में इन्दौर का संस्मय प्रकाशन भी हिस्सा लेगा, जहाँ संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों को भी विक्रय के लिए रखा जाएगा। नौ दिनों तक नियमित आयोजन होंगे, लेखकों से मुलाक़ातें होगी, इन्दौर व आसपास के भी लेखकों की पुस्तकें भी उपलब्ध होगी।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।