वैसे तनाव किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। भले ही वह कोरोना महामारी ही क्यों न हो? सत्य तो यह भी है कि चुनौतियों से भाग पाना संभव नहीं है। जबकि चुनौतियों का उचित समाधान है कि अपनी जीवनशैली को सुदृढ़ बनाया जाए। अपने मनोबल को इतना ऊंचा किया जाए ताकि तनाव उत्पन्न ही न हो सके।
सर्वविदित है कि कोरोना महामारी के चलते जीवनशैली को तनावमुक्त बनाना वर्तमान समय में एक भयंकर चुनौती है। जिससे निपटने का हल प्रत्येक व्यक्ति के लिए अति आवश्यक एवं अनिवार्य है।
मनोवैज्ञानिक भी अपने तनावग्रस्त रोगी को सर्वप्रथम यही शिक्षा देते हैं। वह अपने रोगी का साहस बढ़ाने का भरसक प्रयास करते हैं। वह स्पष्ट कहते हैं कि अपनी जीवनशैली और अपने चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करने का प्रयास करें। नकारात्मकता को मन में उपजने न दें। नकारात्मक माहौल से बचें। अर्थात मन-मस्तिष्क पर कोरोना को हावी न होने दें। आवश्यकता से अधिक समाचार भी न देखें/पढ़ें।
अपने-आपको कोरोनामुक्त रोगियों की संख्या, घरेलू कार्य, कारोबार की बढ़ोतरी, पारिवारिक जीवन की सार्थकता, सुखद लेखनकला, राष्ट्रभक्ति एवं राष्ट्रनिर्माण के सुनहरे भविष्य के सपनों में खोनें से तनावमुक्त व जीवनशैली सुखद होना तय है।