भारतीय गणतंत्र की स्थापना के 70 वें साल में वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् डॉ. देवेन्द्र जोशी की हाल ही में प्रकाशित हुई कृति “हम भारत के लोग” में उनके द्वारा गणतंत्र की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा को सप्रमाण सचित्र उभारा गया है। पुस्तक की शुरूआत हम भारत […]

सदिनामा पत्रिका कोलकाता से प्रकाशित होती हे,उसके संपादक जितेंद्र जितांशु एक अच्छे निडर संपादक हे।हमारीपहचन उनसे सदिनमा के मद्यमसे ही हुई हे। माहे दिसंबर २०१९ का सदिनमा का अंक प्रापतहुआ खुशी हुई। हम अभी अभी समीक्षा लिखने मे ज्यादा प्रेरित हो गए हे। इस अंक मे २८ पेज हे,लेकिन उसमे […]

बाल विशेषांक : दिसंबर २०१९ संगिनी हिन्दी पत्रिका का बाल विशेषांक देखते ही समझ गए की ये हल्लम हल्लम हाथी ,घमंडी सियार ,होम वर्कको छुट्टी दे दो ,व्यंजन बच्चो ने बनाए हे,वही मुख पृस्ठ पर एक सुंदर टेलेंटेड बच्चे की तस्वीर के साथ दिसंबर २०१९ का अंक प्राप्त हुआ । […]

पुस्तक समीक्षा  कवि :-श्री रमेशचंद्र विनोदी जी *संक्षिप्त परिचय*बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी विनोदी जी सहज ,सरल ,गंभीर प्रवृत्ति के वह कलमकार हैं जिनको अपनी माटी ,अपनी संस्कृति ,से लगाव है।जिनको प्रेम है हर रिश्ते नाते से ।जीवन के संघर्षों ने उनको हर उस चीज में पारंगत किया है जो सामने आती गयीं।कलम […]

सौ दण्डी एक बुन्देलखण्डी अथवा सुभद्राकुमारी चौहान की कालजयी रचना बुन्देले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी,…. के बोल सुनकर बुन्देली माटी के गौरवशाली इतिहास से देश का बच्चा-बच्चा परिचित है! बुन्देली शौर्य जहाँ का कण-कण गाता हो, जहाँ रस, छन्द, अलंकारों से अनुप्राणित धारा सतत प्रवहमान रहती हो, […]

150 वें जन्मशती वर्ष में वैचारिक भाव सुमन महात्मा गांधी के व्यक्तित्व,कृतित्व और अवदान पर आज भी लेखकों की लेखनी रूकी नहीं है, कवियों और वक्ताओं की वाणी थमी नहीं है। चिंतकों की चिंतनधारा कुंद या मंद नहीं हुई है। कर्मनिष्ठा,भावनिष्ठा और त्यागनिष्ठा को चरितार्थ कर गांधी ने एक ऐसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।