वो दूर क्षितिज पर सूरज निकल गया है, अपनी जगमग किरणों से उसने हमारी असंख्य, आशाओं को रौशन कर दिया है, कल शाम की सुप्त हुई आकांक्षाओं को जाग्रत कर दिया है, अब चलो… उठ जाते हैं अपनी उम्मीदों की गठरी को उमंग के कांधे पर लादकर घर से निकल […]
काव्यभाषा
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