बंदिशों का दौर गुजर जाए तो पास आओ न, बहुत दूर-दूर से हो गए हो,खास हो जाओ न। मेरे लबों की सोखियां खुश्क होने लगी है अब तो, इन लबों के दरमियां उन लबों को लाओ न। हैरान से दिन हैं मेरे परेशान-सी ये सर्द रातें हैं, कुछ गर्मजोशी का […]

अकेले-अकेले जा रहे हो, साथ हमें भी ले लो तो चलें। दिल में आपके तूफान है, बहुत कुछ बाँट लो तो चलें। रफ्ता-रफ्ता राह कट जाएगी, कुछ मेरी भी सुनो तो चलें। हाथ रीते हैं अभी तक आपके, हाथों में हाथ ले लो तो चलें। मौसम भी खुष्क है तपन […]

जी करता है बच्चा बन जाऊं, फिर से मैं ख्यालों में खो जाऊंl  ना हो फिर कोई परवाह मुझे, कुछ ऐसा फिर जीवन पा जाऊंl  सुबह होते ही सबसे पहले, टॉफी पाने की जिद में अड़ जाऊंl  जाना न पड़े कभी स्कूल मुझे, अपने लिए रोज बहाना बन जाऊंl  कर […]

राजस्थान के पादप से एक कली खिली थी पदमावती,                                                                              सूरत के साथ […]

बेटियों की स्थिति देखकर, आज हमें रोना आता है। क्योंकि जन्म देने वाली माँ, राखी बांधने वाली बहन प्यार करने वाली प्रेयसी, या हमें खुद से ज्यादा, प्यार करने वाली पत्नी सबकी सब बेटियां हैं, चाहे हमारी या आपकी। हमने और हमारी संस्कृति ने, जिसके लिए कहा है कि जहाँ […]

हवा,घटा नभ,चन्द्र चीर उड़ते पक्षी नदिया का नीर, जब रह-रहकर छू जाते हैं… कुछ शब्द यूँ ही, गिर जाते हैं…l उदधि हिंडोले सूरज की पीर, परवत का पौरूष धरती का धीर, जब रह-रहकर छू जाते हैं… कुछ शब्द यूँ ही गिर जाते हैं…l नव कोपल की शैशव-सी गात, हिलती शाखों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।