1. *पर्यावरणहिं* मान सब,धरा और असमान। धरती के  चारो  दिशा, बने बनाव  अमान।। 2. पंच तत्व *पर्यावरण*,क्षिति जल गगन समीर। पावक  मय  संसार सब ,समझे   सोई  धीर।। 3. जीवन धन *पर्यावरण* पेड़ और सब वन्य। जंगल बिन मंगल नहीं, मानव हो कर्मन्य।। 4. स्वच्छ रहे  *पर्यावरण* तभी सिरजते प्रान। सजग […]

कितने चेहरे बदलोगे दिन में अलग रात में अलग तुम कितने चेहरे बदलोगे इंसान हो कि गिरगिट हो पल पल चेहरे बदलोगे हर चेहरा कुछ बयां करेगा कुछ अच्छा कुछ बुरा करेगा खुदगर्ज़ी के सारे सबूत परत दर परत खोलेगा जुबां पर गुनाह के चिठ्ठे वो हर हाल में बोलेगा […]

शिवमय हुआ उत्तराखण्ड शिवमय हो गई यु पी सच्चे साधक साधना करे तो धरा पर न रहे कोई पापी पर कांवड़ की आड में रोब जमाना धर्म के नाम पर शोर शराबा हिंसा,हुड़दंग ,भीड़ तमाशा खाकी परेशान हुई बेतहाशा आमजन भी उनसे डरे डरे से घरो मे कैद है बंधे […]

वो जितनी देर रहा, मेरे साथ रहा मैं कारी बदली ,  वो बरसात रहा मुझे  बस उस तक ही पहुँचना है मैं उसका अंत , वो शुरुआत रहा ऐसे कैसे छूट जाएगी ये दिलदारी मैं उसका सहर,वो मेरी रात  रहा ये जिस्म से काफी दूर का सफर है दो रूहों […]

मैं धर्म की दलील देकर इन्सान को झुठला नहीं सकता मुझको तमीज है मजहब की भी और इंसानियत की भी ज़मीर भी गर बिकता है तो अब बेच आना प्रजातंत्र का मुझको समझ है सरकार की भी और व्यापार की  भी जो मेरा है मुझे वही चाहिए ना  कि तुम्हारी […]

बस रहने दो, बस रहने दो । और ज़हर न घोलो । तन में घोला, मन में घोला, जन-जन में विष नफ़रत का घोला । अब तो सब जन मिलकर ये बोलो !!!!! बस रहने दो, बस रहने दो, और ज़हर न घोलो ।।1।। जल में घोला, हवा में घोला, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।