बहरे रमल मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन 2122 1122 1122 22 फ़र्क हिन्दू में मुसलमाँ में बताना चाहें असलियत में वो यहाँ आग लगाना चाहें। नफरतों की ये लगी आग, बुझेगी कैसे जब सियासत ही इसे और बढ़ाना चाहें। दौर बदला तो यहाँ तौर, बदलते देखे अब […]

 हिन्दी सहज सरल सुधामय   ओजस्विनी अरू गरिमामय   भारत की पहचान है हिन्दी   निज देश की शान है हिन्दी   राष्ट्रभाषा हिन्दी को कहें हम   मातृभाषा का मान भी दें हम   हर भारत वासी निर्णय ले   हिन्दी का संकल्प अभी लें   भारत  में  सब […]

कुछ ख़्वाब बुन लेना जीना आसान हो जायेगा दिल की सुनलेना मिज़ाज शादमान हो जायेगा मुद्दत लगती है दिलकश फ़साना बन जाने को हिम्मत रख वक़्त पे इश्क़ मेहरबान हो जायेगा टूटना और फिर बिखर जाना आदत है शीशे की हो मुस्तक़िल अंदाज़ ज़माना क़द्रदान हो जायेगा लर्ज़िश-ए-ख़याल में ज़र्द किस काम का है बशर जानें तो हुनर तिरा मुल्क़ निगहबान हो जायेगा मंज़िल-ए-इश्क़ में बाकीं हैं इम्तिहान और अभी ब-नामें मुहब्बत ‘राहत’ बेख़ौफ़ क़ुर्बान हो जायेगा डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 43

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चाहे कितनी योजनाएं हों। या कितना ही लाभ मिले। बदल नहीं सकता आज भी कोई जमाने को बच्चा पैदा होते ही। बेटी बेटा मे फर्क आ जाता है।। आज भी बैटी होने पर । चेहरा उतर जाता है।। बेटा जन्म होते ही बाजे बजते हैं। खुशियाँ मनायी जाती हैं।। दीवालों […]

आधुनिकता से भरी दौड़ मे, भागते जा रहे हम। राष्ट्रभाषा को छोड़ पीछे,आंग्ल को अपनाते जा रहे हम। राष्ट्र भाषा का जन्मदिवस,आधी आबादी को याद नही। वैलेंटाइन, रोज डे,और न जाने क्या-क्या नए दिन मना रही। सम्मान से बोले अपनी भाषा, तभी प्रसन्न होगी भारत माता। कई बड़े कवियों के […]

थरथराहट जब भी गुजरता हूँ पुल पर से थरथराहट सी होती है देखा है मैंने जितना मैं थरथराता हूँ उतना ही थर्रा जाता है पुल भी उसे भी भरोसा नहीं है अपने रचनाकार पर मुझे भी अब नहीं रहा क्योंकि उस ऊपर वाले रचनाकार का कोई पता भी नहीं है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।