जिंदगी आ बैठ मेरी पहलु में करे कुछ बातेंऔर मुलाक़ातें हम मुसाफिर इस राह के कदम कदम संग रहे चलते पाने को ख़ुशी शांति ये जनम गोता राही समन्दर में लगाते सब यहाँ हैं ढूंढते हीरे मोती जाने क्या-क्या पाते खोते तू मचलती उन जजबातों में औ दिल रातों में […]
काव्यभाषा
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