बादशाहत तुम्हारी जितनी भी बड़ी हो आज,याद रखना वक़्त को हर एक तख्तो-ताज को गिराना आता है यह हुकूमत सब यहीं धरी की धरी रह जाएँगी आँधियों को अकड़े हुए शज़रों को झुकाना आता है दूसरों को कमतर समझने की तुम्हारी भूल है ज़ानिब सर्द रातों को भी […]
काव्यभाषा
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अपमानित कराता निरंतर क्रोध विशाल।१ हानि का द्वार कहलाता अकेला छड़ का क्रोध।।२ क्रोध समाया करता विनासक रोक ले इसे।।३ घर आँगन होते मंगलमय क्रोध विनाश।४ क्रोध विनाश पछतावा कदम रोकना सदा।।५ #नवीन कुमार भट्ट परिचय : पूरा नाम-नवीन कुमारभट्ट उपनाम- “नीर” वर्तमान पता-ग्राम मझगवाँ पो.सरसवाही जिला-उमरिया राज्य- मध्यप्रदेश विधा-हिंदी […]
