जिंदगी में जिंदगी की ये अहमियत जान लो,   वक्त पे हर काम करने की अभी से ठान लो,   जिंदगी है तुम्हारी एक कहानी की तरह,   काम से ही नाम होगा जिंदगी मे हर जगह,   काम से पहचानते हैं लोग मतलब मे यहाँ,   जिंदगी ये काम […]

तुम मिले और मेरी जिंदगी में आ गये, मैं तुम्हारे लिए ही स्टेटस लगाता हूँ ताकि तुम मेरी फीलिंग को समझ सके, तुम कहीं बार मेरे मैसेज को अनदेखा करते हो, फिर भी मैं तुम्हें मैसेज करता हूँ, तुम बिना गुड नाईट किये सो जाते हो, फिर भी मैं गुड […]

चंट चतुर चालाक छै, नेता  नागर  नाग। सीधे सादे सादगी, जनता जगती  जाग। जनता जगती जाग,बबेरो बोल बणायो। आयो  दौर चुणाव, घणेरो ढोल बजायो। कहे लाल कविराय,वोटाँ का घलगा घंट। जनता  रही भोली, नेता  वाँ बणगा चंट। .           दल बदली नेता करै,छल बल धन की मार। जनता  जोरी   सूँ लड़ै […]

वक़्त बिताया करो सपनों के आस-पास सपनें सजाओ खुली आँखों के आस-पास तुम्हें ज़िंदगी का मक़सद समझना पड़ेगा ज़माने में जो आए हो अदब के आस-पास चलकर देख कौन पथ से विचलित होता है चिड़िया भी जीती है उड़ान के आस-पास समझ न पाते हम अपना निशाना कहां पर है ज़िंदगी रह जाती है चूक के आस-पास जिस मासूमियत ने मुझे बादल बना दिया ज़ुल्फ़ें लहराते नहीं घटाओं के आस-पास क्या होगा सजदे में ख़ुद को गुज़ार देने से हमने रहा नहीं कभी आँसुओं के आस-पास जीते तो बहुत से जीव हैं मेरे ज़माने में तुम ही सिर्फ़ जा सकते खुदा के आस-पास मत चाहो हरियाली कहीं बोने के बग़ैर भी ख़ून-पसीना बहाना होता है खेतों के आस-पास इतना तो समझ ले ज़िंदगी सँवर जाएगी बच्चे बिखर सकते नहीं बुजुर्गों के आस-पास बड़ी मशक़्क़त से मिलती है मंज़िल ‘राजीव’ बैठे मत रहना हाथ की लकीर के आस-पास #राजीव कुमार दास हज़ारीबाग़ झारखंड Post Views: 42

ठंड बढ़ने से गरीबो का जीवन हो जाता मुश्किल बिना कपड़े हड्डियां कांपे जान बचानी पड़ती मुश्किल ध्यान रखिये कोई पडौसी ठिठुर न रहा हो ठंड में गर्म कपड़ों की कमी के कारण जीना मुश्किल हो जग में मानवता का तकाजा है मदद असहायों की करनी है भूखे पेट मरे […]

कविता त्रेता में रावण को मारा,  बेघर आज थाड़े हो | लेकर घूम रहे हैं नेता,  हाथों तुझको आड़े हो |  नेताओं को बल देते हो , जो तुझको भरमाते हैं |  रंग बदलते ये तो ऐसे ,  गिरगिट भी शरमाते हैं | राम नाम का नारा देकर ,  राम-राज्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।