मेरे  प्यारे  बाबा  मुझको  रोज सुबह जगाते है। उठ जा बाबू बोल बोल कर मेरी नींद भगाते है। प्यारी प्यारी पुच्ची देकर मुझको गोदी में उठाते है। देर हो रही स्कूल को , वो मुझको रोज समझाते है। सुबह सुबह स्कूल जाने के लिए हंगामा रहता है। मुझे छोड़ कर […]

एक अरसे से मैं बुझा ही नहीं मैं कश्मीर हूँ,जलना ही मेरी नीयत है क्या रावी तो कभी चेनाब से धुआँ उठता है चिनार से पूछो ये अच्छी तबियत है क्या सेब के बगीचे वो केसर की क्यारियाँ खुशबू बिखेरती फ़ज़ा हो गई रुखसत है क्या डल झील के शिकारों […]

वह नई नवेली दुल्हन थी सोलह श्रृंगार सजाया था लांघ पिता की दहलीज आगे कदम बढ़ाया था थी अरमानो की डोली सपने खूब संजोये थे पिता ने पीठ दिखाई तो भाई भी बहुत रोये थे कुछ वर्षों में ही तूमने इतना प्यार लुटाया था बनकर दिल की धड़कन कितना हमें […]

परमात्मा ने कुछ को विशेष बनाया है हमने भी उन्हें दिव्यांग बताया है परमात्मा ने भले ही उनमे कुछ कमी छोड़ दी पर साथ ही कुछ खूबी भी जोड़ दी मन से होते है वे बहुत सुंदर और प्यारे तन से न कहो उनको बेचारे उनमे भी होती है गजब […]

मेरी दुनियाँ ये चंद लाइने और चंद प्रकाशित कविता और कहानियां हैं। बड़ी शिद्दत और लगन से सजोया है, ये यादों का कारवां मैंने। जानती हूँ, कल कहाँ किसी के पास इतना समय होगा। जो पलट कर कोई मेरी कविता या कहानियां पढ़ेगा, फिर भी मैं कुछ चंद किताबें और […]

1.हम खुशहाली लाएंगे, सब मिल मतदान कराएंगे।। 2.वोट भूल से रह न जाये, आओ हम सब हाथ बढ़ाए।। 3.महिला, बूढ़े या  हो जवान, सभी डालने जाओ मतदान।। 4.हर घर अलख जगाएँगे, वोट की महिमा बताएंगे।। 5.हाथ जोड़कर कहना है, वोट  जरूर  देना  है।। 6.हम सबने ये ठाना है, 100% मतदान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।