जो है नही वह दिखना क्या सच पर पर्दा करना क्या झूठी मान मर्यादा के लिए बनना क्या संवरना क्या यौवन आया चला जायेगा फिर अकड़ना क्या इतराना क्या बुढ़ापा आएगा आकर रहेगा फिर डरना क्या घबराना क्या जिंदा सदा रहा नही कोई फिर मौत को बुरा बताना क्या जिसने […]
काव्यभाषा
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