हर रोज़ मौत होती है, ज़मीर की, इंसानियत की, रिश्तों की, हर रोज़ मौत होती है, मासूमियत की, नैतिकता की, मूल्यों की, हर रोज़ मौत होती है, बचपन की,                            जवानी की, बुढ़ापे की, हर रोज़ मौत होती है, हौंसलों की, उड़ान की, इच्छाओं की, हर रोज़ मौत होती है, धर्म […]

योग की धूप खिलाएंगे आंसुओ को सुखाएंगे न रोये कोई इस ज़हान में ऐसे उपाय सुझाएंगे रोना तो एक अभिशाप है किसी को रुलाना महापाप है पर आएं अगर खुशी के आंसू बोल उठो ,वाह क्या बात है नवजात का रोना बहुत जरूरी बडो का रोना एक कमजोरी राजयोग से […]

ख्याल तेरा बहार बनकर जो  आये आना तेरा रोशन करता राह सारे तब्बसुम की खिदमत में  हैं सितारे आँखों में नमी देखा तुम्हारे  सोचता हूँ  आज चाँद फिर फीका सा क्यूँ है.. दर्द मीठा-मीठा गम भी सहते सारे  सनम ! पाक उल्फत है इसे कैसे संवारे होतेे गान छिड़ते नये […]

     एक हादसा कल रात हो गया,                          हो बीमार मैं पस्त पड़ा। मच्छर एक ललकारते हुए,                      तान के सीना समक्ष खड़ा। मच्छर हूँ मैं ,मुझसे तुम सब, […]

तालाक तालाक तालाक बन गया है इतिहास इतिहास इतिहास। वर्षो से खाभोश थे चेहरे अपनी ही आवाज को तरसते चेहरे। खिल उठे है आज देखो जब संसद मे हुए फैसले। जुल्मो सितम की बेड़ियो से निकलकर मुस्कुरा रहे है सभी के चेहरे। अब तो आजादी की जिन्हें पाबंदी थी लटक […]

गुज़र गया एक और साल फ़िर,   ख़्वाहिशें अभी अधूरी हैं । नववर्ष की नवबेला में अब नहीं,    लक्ष्य से दूरी है ।। कितने ख़्वाब, कितने ख़्याल;     दिल ने इस साल संजोए थे । वफ़ा की मिट्टी में ,     हमने बीज इश्क के बोए थे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।