समय जब जब करवट बदलता । कभी अच्छे दिन कभी बुरे लाता।। श्री राम को भी वनवास दिखाता। फिर आम जन को सुख पहुंचाता।। कितने  असुरों का उद्धार कराता। ऋषि मुनियों के दुखों को भगाता।। शबरी मैया के घर श्रीराम बुलाता। समय ही है जो सबको मिलवाता।। पांडवों को धर्म […]

राजनीति अब वोटों का खेल कर दो वादे कुछ भी अनेक जो कभी न पूरे होने वाले मंहगाई की बात करने वाले जितना चाहे बांट सको बांटो चाहे खजाना खाली हो बगिया तो रो ही सकती है माली ही जब स्वार्थी हो जायेगा भ्रष्टों का क्या बिगड़ेगा जो अभी व्यवस्था […]

प्यार के लिए हो गए  सन्त वैलेंटाइन बलिदान क्लॉडियस ने दे दिया था उनकी फांसी का फरमान खुशी नही ,शोक की है ये बात देह प्रेम की नही है ये कोई बात सच्चा प्रेम करना है अगर परमात्मा से ही कीजिए वैलेंटाइन डे पर उनसे कुछ रूह रिहान कीजिए वही […]

पद पायलें,अनमोल थी सिय दिव्य-दैव्य प्रमान् की। हर जानकी दसकंध ने, बाजी लगा कर जान की। 🏻 हा,राम,लक्ष्मण आइए, लंकेश रावण पातकी। मानी न लक्ष्मण आन वे, दोषी बनी निज जानकी। 🏻 क्रोधी  जटायू तब भिड़ा, जाने न दे ,माँ जानकी। सिय मान के,हित जान दे, चिंता नहीं , की […]

मेरे महबूब ! उम्र की तपती दोपहरी में घने दरख़्त की छांव हो तुम सुलगती हुई शब की तन्हाई में दूधिया चांदनी की ठंडक हो तुम ज़िन्दगी के बंजर सहरा में आबे-ज़मज़म का बहता दरिया हो तुम मैं सदियों की प्यासी धरती हूं बरसता-भीगता सावन हो तुम मुझ जोगन के […]

देश के लिए जो चले गए उनको कर लो जरा याद उनकी आत्मा की शांति को ईश्वर से करो फरियाद आकस्मिक शहादत के कारण शरीर सैनिको ने छोड़ दिया उनको मिले असीम शांति इसके लिए जलाओ एक दीया परमात्मा से योग लगाकर श्रद्धांजलि शहीदों को दीजिए कष्ट कम हो शहीद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।