ईश्वरीय मत पर जो चले अच्छा पथ ही उसे मिले व्यर्थ के चिंतन से बचे रहे सदैव स्वस्थ व सुखी रहे जो हो रहा है अच्छा माने ईश्वर का ही कृत्य माने फिर चिंता काहे की करना बिना वजह काहे को डरना ईश्वरीय याद कभी न खोना सदा खुशी से […]

काश! पुनः लौटकर वह प्यारा बचपन आता। ठुमुक-ठुमुक चलते हुए पाठशाला जाता।। गुरूजी का डण्डा देख मन में सकपकाता। छिप- छिपकर कक्षा में कुछ न कुछ खाता।। चोर लिखकर पीठ पर, खूब खिलखिलाता। जब वह पूछता,”किसने लिखा?”तो मुस्कुराता।। बस्ता में बस्ता बाँध , एक दूजै को लड़ाता। काश! पुनः लौटकर […]

मैं जी रहा हूँ एक आस लेकर मैं जी रहा हूँ एक प्यास लेकर मेरी आँखों की ज्योति हो तुम मेरे हृदय की धड़कन हो तुम तुम आ जाओ मधुमास लेकर तुम आ जाओ जीवन सांस लेकर तुम देख लो आकर जिंदगी जी रहा हूँ कतरा – कतरा तुम भी […]

पूनम की चाँदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो | नजरे जरा झुकी हो,दिल से दिल की बात हो || फूलो के सेज हो,केवल मेरे पिया साथ हो | धीमी धीमी रौशनी हो,फिर सुनेहरी रात हो || जब जब अँधेरी रात हो,जलता दीया मेरे हाथ हो | डर न लगे मुझे […]

बेटी जब पैदा नहीं होगी,तब बहू कहाँ से लाओगे ? बहु जब घर नहीं आयेगी,तब परिवार कैसे बढाओगे ? आज की बेटी कल बहू बनेगी, सारी सृष्टि इसी तरह चलेगी | बेटा और बेटी है दोनों जरुरी, वर्ना सृष्टि हो जायेगी अधूरी || भाई को बहन कहाँ से मिलेगी,जब बेटी […]

ज़रुरत के हिसाब से अब साथ चलते हैं लोग..! आजकल बेसबब कब किससे मिलते हैं लोग..! वो दौर ओर था चेहरे हाल-ए-दिल बताते थे..! अब तो एक चेहरे पे क‌ई चेहरे रखते हैं लोग..! वो जो कसमें खाते हैं ताउम्र साथ निभाने की..! वो मुसीबत आने पर हाथ छोड़ निकलते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।