ज़ुल्म से टकराने वालों की निशानी और है आजकल के नौजवानों की जवानी और है इक ज़रूरी बात ये तुमको बतानी और है जो किताबों में छपी है वो कहानी और है फ़स्ल क्यों उगती नहीं है इस जगह उम्मीद की इस जगह का दोस्तो क्या खाद पानी और है […]
ताकत कितनी भी पास हो हर समय यह एहसास हो असली ताकतवर कोई ओर है मेरे नाम का तो बस शौर है करता वह ही ,जो चाहता है बस, नाम मेरा हो जाता है करता हुआ वह दिखता नही अहंकार जरा भी वह करता नही पूरी सृष्टि का नियंता है […]
एक गर्भस्थ कन्या शिशु की पुकार माँ ओ। माँ सुन रही हो न माँ! मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं । मैं तुम्हें देख नहीं सकती , पर तुम्हारी कोख में पल रहीहूं। जब मुझे छूती हो तो ख़ुशी से फूल उठती हूँ माँ । मुझे बेटी समझ निकाल न […]
जो खोट है अपने अंदर उनको कर लो अभी से दूर स्वर्णकार बनकर स्वयं सोने संग बन जाओ कोहिनूर घोर कलियुग की कालिमा अब छंटने ही वाली है युग परिवर्तन की बेला है सतयुग किरण आने वाली है इसके लिए खुद को अब तैयार करना होगा जो विकार बचे है […]
शब्दो के प्रयोग से, महकता है आपका जीवन। शब्दो के प्रयोग से ही, बनते है प्रशंशक। शब्दो के उपयोग से, समझ आते है पढ़े लिखे। शब्दो और वाणी से, बना सकते हो माहौल। शब्दो के बिना निराधार है, आपका मनुष्य जीवन। शब्दो से ही बनता है, एक सभ्य समाज। शब्द […]
मिले जब गैरो से प्यार, और अपने समझे हमे परायें। स्थिति ऐसी में हम, समझे किसे अपना। जब अपने ही अपनो को, लौटे जा रहे हो । फिर भी अपना एहसान, वो जताए जा रहे हो। ऐसे लोगो को अपना कहना, बहुत बड़ी भूल होगी जी।। परायें तो परायें है, […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।