सादी सादी सी रही,जिन्दगी हमारी ना रहै रंगीनियो के निशान,अर्जी हमारी। कोरे कागज की अनूठी, मिशाल बनी रहे कोई शब्द नही वो, वेमिशाल बनी रहे।। पहचान अपनी सादगी पर , तक्कलुफ कयों है हो रंगीनियो मे डूबे हुए, फिर तकलीफ क्यों है। विलासिता की कालाबाजारी, देख रहा हूँ अपनो से […]

नींद आती नही, चैन पाते नही । फिर भी तड़पने से, बाज आते नही। दृष्टिकोण अपना थोड़ा बदल लो। कुछ तो जैनधर्म का, अनुसरण करो। खुद जिओ औरों को भी जीने दो। महावीर का ये संदेश, जीवन में अमल करो। छोड़कर हिंसा को, अहिंसा पर चलो। और जिंदगी को अपनी, […]

गिरती हुई अर्थव्यवस्था, को कौन बचाएगा। मरते हुए इंसान को, कौन बचाएगा। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो देश डूब जाएगा। और इसका श्रेय फिर, किस को देओगे।। जब जब भी अच्छा हुआ, वो मेरी किस्मत थी। अब बढ़ रही महंगाई, तो ये किसी की किस्मत हुई? और गिर रही […]

मन मत पर चलो नही राह से कभी भटको नही ठगनी माया से बचकर रहो नीचे कभी तुम गिरो नही व्यसनों से तौबा कर लो सद्गुणों से झोली भर लो परमात्म याद की राह चलो पतित से पावन बन चलो श्रीमत पर चलना सीख लो शांत मन रहना सीख लो […]

शजर की चाह थी कि परिंदों को आसरा दे । फिजा ने कुछ और ही दिखाया है नजारा ।। जईफ हुआ शजर,जज्ब भी लुप्त हुआ है। इसका आसरा देने का जज्बा अभी जवां है ।। कुछ इस कदर खस ने इसे हर तरफ घेरा है। सूरज की धूप से भी […]

धड़कता दिल अब मेरा, तुम्हारे ही लिए। मेरी दिल की धड़कन, बन जो गई। मुझे पता ही नही, ये हुआ कैसे। अब भूलना भी चाहूं, पर भूलता ही नहीं।। निकलती है दिल से वो, हर सांस तुम हो। जो बोले बिना ही, व्या कर देती। चोट लगती है तुमको, दर्द […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।