जिनको हमने दोस्त बनाया , वही पीठ पर भोके खंजर। जिनको हमने अपना माना उनके हाथ खून से लता पथ। देखो चीन पुनः सीमा पर, युद्ध करने के लिए आया है । भारत ने भी ठान लिया है , अक्साई भारत बनाना है ।। तम्बू गाड़े या बनाये बंकर , […]
जिस प्रकार बहरूपिया बदल लेता है नित अपना रूप इसी प्रकार प्रकृति भी लेती है बदल नित नया रूप कभी हवा सुहावनी कभी धूल भरी आंधी कभी शीत-लहर कभी झुलसाती लू कभी धुंध कभी बरसात कभी ओलावृष्टि कितने रूप बदलती है प्रकृति विनोद सिल्ला फतेहाबाद (हरियाणा) Post Views: 526
तू तो मुझको याद है चाहे, याद मेरी तुझे न आये इतना सदा याद रखना कि, तुझ बिन कुछ भी ना भाये। बरसातें ये रिमझिम रिमझिम, कतरा कतरा यादें हैं बारिश की बूंदों सी टिप-टिप, आंख से गिरते वादे हैं थोड़ा भी ना बदल सके हम, आज भी कितने सादे […]
गुरु बिन न बुद्धि मिले,गुरु बिन न होए ज्ञान। गुरु बिन न पथ मिले,गुरु बिन न मिटे अज्ञान।। गुरु तीनों देव है,इससे बड़ा जग में न कोय। जो इसकी शरण मेंजाए,उसका हित होय।। मां सबसे पहली गुरु है,जो सिखाती सब ज्ञान। उसकी पहले वंदना करो,जो रखे तुम्हारा ध्यान।। गुरु की […]
एक दफा, हम राह पर चल रहे थे तो एक नजारा मिला, नजारे को गौर से देखा तो एक घूमता हुआ परवाना मिला । हम तो यूं ही उसकी तरफ चले जा रहे थे, लेकिन जब वहां पहुंचे तो एक ना भुलाएँ जाने वाला अफसाना मिला ।। जब उस अफ़साने […]
कदम्ब की डाल पर डोलती कोयल। पीऊ- पीऊ, कुहू- कुहू बोलती कोयल।। सुख – दुख में शुभ गीत गाने वाली। थके मादे लोगों को झुमाने वाली।। इस डाल से उस डाल पर डोलती कोयल। पीऊ- पीऊ, कुहू- कुहू बोलती कोयल।। नीरस पल में भी रस पाने वाली। ऋतुराज के संदेश […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।