श्रीराधे अर्पित करुं,मानस के ये फूल। हे माधव तुमको भजृं,कीजे चरणन धूल।। जय गिरधारी कुंज बिहारी। सारे जग का तू रखवारी ।।1 रास रचैया जय बनवारी । हे मनमोहन कृष्ण मुरारी।।2 संतन रक्षक पीड़ा हारी । दुष्ट विनाशक तू अवतारी।।3 चौसठगुण सब तुमहि जाना। सोलाह कला लिये भगवाना।।4 जनम जेल […]
काव्यभाषा
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मात्रा भार-यति-14-14* वज़्न-2122-2122-2122-2122,अर्कान-फाइलातुन×4 बारिशों में गीत भीगे, बादलों ने कह सुनाया। पावसी घनघोर मौसम, गीत सब ने गुनगुनाया। * बैठ पादप कूक मारे,वो पपीहा है मगनमन। आज हर्षित है भुवन पर,आज रमणी का विकल मन। * शोर में था मोर नाचा,मोरनी ने सुर लगाया। पावसी घनघोर मौसम, गीत सब ने […]