जिसको नहीं होती काम की चाहत उसको लगता काम है भारी आफत। कल पर जो टाले आज का काम, करते नहीं कोई काज ,खूब करते आराम। बहाना हर बार बिगाड़ता काम कोई नया। बहानेबाज को आज तक समझ ना आया। जिसने किए बहाने हजार उस पर रहता काल सवार। स्वरचित […]

न बोल सकता हूँ न सुन सकता हूँ हाँ देख सकता हूँ परन्तु कह नहीं सकता। कुछ करने का तो। प्रश्न उठता ही नहीं। क्योंकि ये भारत है। जहाँ एकतरफ चलता है। चाहे टेलीविजन हो या रेडियो हो या समाचार पत्र हो। सभी एक तरफ ही दौड़ाते है। पर किसी […]

प्रेम में है जीवन की हर खुशियाँ यहाँ , प्रेम में है जीवन की हर दुनियाँ यहाँ , प्रेम में है जीवन की हर रुसवाईयाँ , प्रेम में है जीवन की हर रंगरेलियाँ , प्रेम में है जीवन की परिकल्पना , प्रेम में शामिल है हर आत्मा , प्रेम में […]

सावन की छाई है घटा घनघोर,जाने कहाँ पर बरसे! अ बदरी! तू बरसे वहां, जहाँ पिया मिलन को तरसे!! तन मन उसका झुलस रहा है,तप्त हवा के झोकों से! शीतल समीर तलाश रहा,वो आसपास के झरोखों से!! प्रेमी मन तो होता बावरा, चित कहीं भी ना लग पाए! हरी भरी […]

साँसों से लिख दो कहानी देश के नाम । कर दो कुर्बान यह जवानी देश के नाम ।। ऐ पाक मेघ! यूँ थम कर जरा, रिमझिम बरसो प्रेम – पानी देश के नाम।। चक्र! चलो ऐसे कि फक्र हो जहाँ को, होती रहे प्रगति आसमानी देश के नाम।। क्यों दबे […]

सावन का महीना है भरतार, तू मुझे झूला झुलाने आएयो, तू मुझे झूला झुलााने आइयों, मै करूंगी तेरा घना इंतजार।। हाथो की चूड़ी लाना, पैरों की बिछवे लाना, मांग का सिंदूर लाना, क्रीम पाउडर भी लाना। मै करूंगी सोलह सिंगार, सावन का महीना है भरतार।। कानों के कुंडल लाना, माथे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।