करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,, प्रेम की पावनता है ये, रिश्तो का कारोबार नहीं,, बरसों से इन रीतियों का, अनुसरण हुआ है,, सात फेरों की प्रीतियों का, पावन प्रण हुआ है,, इन पावन क्षणों का कभी, होता झूठा आधार नहीं,, करवाचौथ केवल, एक दिन का त्योहार नहीं,, प्रेम […]

मेरे साथ एक घटना घटी, बात बिल्कुल सच्ची है पर अटपटी | करवांचौथ का दिन था , मेरा मन बड़ा ही खिन्न था , दफ़्तर में काम ज्यादा था , काम करने वाला मै ही प्यादा था मेरा पास एक मोबाइल आया मै जरा उस समय घबराया मैंने मोबाइल उठाया […]

करवाचौथ का त्यौहार आया, हर तरफ धूम मची है! देखो तो तुम जरा गौर से, फ़ौजन की भी थाली सजी है!! काजल सिंदूर कंगन बिंदिया, वो पायल भी तो लायी है! फौजी की लम्बी उम्र को, उसने अपनी देह सजाई है!! दिल उसका भी मचलता है, बस देखले उसको एक […]

भगवान प्यार करते है उन्हें जो भगवान को याद करते है ईर्ष्या, द्वेष, वैमनस्य दुर्गुणों से जो स्वयं को दूर रखते है कथनी करनी मे भेद मिटाकर मन के अंदर का मैंल हटाकर चिंतन परमात्मा का करते है जो सबके भले की सोचते है दुसरो की सेवा में जुटते है […]

हाथों पर मेहंदी लगाई है, माथे पर सिंदूर की रौनकता छाई है | करवाचौथ को निकलेगा चाँद नभ में – पिया हित दीर्घजीवी होने की रीति निभाई है || सदियों पुरानी संस्कृति हमारी, जग में भारत भू की बात है न्यारी | तीज-त्यौहारों, लोक पर्वों से सजी माँ भारती – […]

गुस्से में एक दिन पति जी, पत्नी से कुछ यूं बोले। तंग अा गया तुमसे मैं, अब क्या हम तुमसे बोलें। बैठी बैठी खाती हो , और मोटी होती जाती हो। संग मेरे जब चलती हो, मुझे जरा ना भाती हो। एशो आराम दिए सारे , दे दी सारी सुख […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।