कच्चे दिए बना कर बैठ गई वो उम्मीद सज़ा कर बैठ गई! मेरी दिवाली भी रोशन होगी वो भी आस लगाकर बैठ गई! कोई न आया दिये लेने पास वो बहुत हतास और निराश कैसे खुशियाँ आयेगी पास वो निराश – उजागर बैठ गई! रंग बिरंगी सी है दुनियाँ यहाँ […]

जितने सांस दिए प्रभु ने उतना ही जीना होगा जो कष्ट लिखा है भाग्य मे वह हमको सहना होगा जो करता है सद्कर्म यहाँ उसका भाग्य उज्ज्वल होगा जिसने किये नीचकर्म उसे नरक भुगतना होगा जैसी करनी वैसी भरनी जग की है यह रीत पुरानी सदा सच की राह चले […]

काफ़िया- आएगी रदीफ़- मुझे वज्न- 2212-2212-2212 पल- पल बहुत यूं याद आएगी मुझे ये आग दिल की यूं जलाएगी मुझे खुद ज़िंदगी खुद से मिलाएगी मुझे खुद दूर जाके पास लाएगी मुझे मैं खो गया हूँ अब न जाने किस जहाँ क्या ज़िंदगी भी ढूंढ लाएगी मुझे अब ले रही […]

माता पिता की सेवा से पूण्य मिलता अपार दुख कभी पास न हो खुशिया मिले हजार दुआये देते माता- पिता संकट हो जाते तार तार ईश्वरीय सेवा का भी फल मिलता है न्यारा अपने कहे मे रहे सदा जीवन हो सुख का सार#श्रीगोपाल नारसन Post Views: 342

ध्वस्त हुई न्याय व्यवस्था , ध्वस्त हुए सारे कानून हैं। न्याय मिलेगा कैसे बताओ, जब जिम्मेदार ही मौन हैं। बड़ी उम्मीद लगाकर कोई, न्याय के मंदिर में जाता है। दिल पर पत्थर रख कर वो, अपनी व्यथा सुनाता है। अपने दुखड़े रोता है याची , हाथ जोड मिन्नतें करता है। […]

बुझ गई है लालटेन,अब बिहार में, चिराग भी टिमटिमा रहा बिहार मै फिर से सत्ता आ गई नीतीश के हाथ में, लालू परिवार रो रहा है,अपने ही बिहार मे। कैसे करें विश्वास,चुनाव सर्वो का बिहार में, गलत निकल गए,सभी सर्वे अब बिहार में। कोई काम नहीं है लालटेन का बिहार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।